Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Dec, 2025 08:53 AM

Shri Bhimashankar Jyotirlinga : महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर श्रद्धालुओं के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। जो भक्त नए साल 2026 की शुरुआत भगवान शिव के दर्शन से करना चाहते हैं, उन्हें अपनी योजना पर दोबारा विचार करना...
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Shri Bhimashankar Jyotirlinga : महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को लेकर श्रद्धालुओं के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। जो भक्त नए साल 2026 की शुरुआत भगवान शिव के दर्शन से करना चाहते हैं, उन्हें अपनी योजना पर दोबारा विचार करना होगा। प्रशासन ने भीमाशंकर मंदिर को करीब तीन महीनों के लिए बंद रखने का फैसला लिया है।
मंदिर बंद करने की वजह क्या है?
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को बंद करने का यह निर्णय किसी धार्मिक कारण से नहीं, बल्कि विकास और नवीनीकरण कार्यों के चलते लिया गया है। मंदिर के मुख्य सभा मंडप में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य किया जाना है। चूंकि ये काम मंदिर परिसर के अंदर होंगे, ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय किया गया है। आने वाले दिनों में प्रशासनिक निरीक्षण के बाद कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कब तक बंद रहेगा मंदिर?
मंदिर प्रशासन के अनुसार, 1 जनवरी 2026 से मार्च 2026 तक भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रहेगा। इस दौरान मंदिर परिसर में व्यापक स्तर पर सुधार और विकास कार्य किए जाएंगे।
परिसर में क्या-क्या बदलेगा?
नवीनीकरण के तहत मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए बेहतर कतार व्यवस्था, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, मजबूत सुरक्षा इंतजाम और मंदिर के ढांचे को और सुरक्षित बनाने का काम किया जाएगा, ताकि भविष्य में दर्शन व्यवस्था और अधिक सुचारु हो सके।
महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग बनेंगे हाई-टेक
यह पूरी योजना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस विजन का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य के प्रमुख ज्योतिर्लिंग मंदिरों को आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। भीमाशंकर के साथ-साथ औंधा नागनाथ और घृष्णेश्वर मंदिरों में भी AI आधारित आधुनिक सुरक्षा सिस्टम लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सुविधाएं, पर्यटन और रोजगार-तीनों पर फोकस
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसरों में वेटिंग रूम, स्वच्छ पेयजल, बेहतर ठहरने की व्यवस्था, पार्किंग और आधुनिक भोजनालय जैसी सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। इन योजनाओं पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इन ऐतिहासिक मंदिरों में कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की मंजूरी के साथ किया जाएगा।
2027 कुंभ मेले की तैयारी
प्रशासन का लक्ष्य है कि 2027 में नासिक में होने वाले कुंभ मेले से पहले सभी विकास कार्य पूरे कर लिए जाएं। कुंभ के दौरान भीमाशंकर में लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना रहती है, ऐसे में इस नई और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर से भीड़ प्रबंधन आसान होगा। सरकार की कोशिश है कि कुंभ से पहले ही श्रद्धालुओं को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और विश्वस्तरीय दर्शन अनुभव मिल सके।