Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jul, 2023 07:53 AM
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या पड़ती है लेकिन सावन माह में पड़ने वाली अमवस्या का खास महत्व होता है। इस बार
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Somvati Amavsya 2023: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या पड़ती है लेकिन सावन माह में पड़ने वाली अमवस्या का खास महत्व होता है। इस बार सावन महीने की सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जाएगी यानि की कल। इस दिन खासतौर पर महादेव की पूजा की जाती है और इसके अलावा मां लक्ष्मी की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं, इस बार 2023 में सोमवती अमावस्या के दिन कौन से शुभ मुहूर्त में पूजा की जाएगी और क्या है इसका महत्व।
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Significance of Somvati Amavasya सोमवती अमावस्या का महत्व
हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शिव भक्तों को अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करने पर हर संकट से निजात मिलता है और सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Date of Somvati Amavasya सोमवती अमावस्या का तिथि
इस बार का सावन मास की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई को रात 10 बजकर 08 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन 18 जुलाई को सुबह 12 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि के अनुसार सोमवती अमावस्या 17 जुलाई सोमवार को मनाई जाएगी।
Somvati Amavasya auspicious time सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पहला शुभ मुहूर्त- 17 जुलाई को सुबह 05 बजकर 34 मिनट से सुबह 07 बजकर 17 मिनट तक
दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 01 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर दोपहर के 12 बजकर 55 मिनट तक