Edited By Niyati Bhandari,Updated: 17 Jan, 2023 08:43 AM
केरल के त्रिशूर जिले के एक इस्लामी संस्थान ने अपने छात्रों के लिए तैयार किए ढांचागत पाठ्यक्रम में कक्षा 11 और 12 में मूल संस्कृत व्याकरण और भगवद् गीता के साथ-साथ अन्य हिंदू ग्रंथों को शामिल किया है।
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त्रिशूर (केरल) (प.स.): केरल के त्रिशूर जिले के एक इस्लामी संस्थान ने अपने छात्रों के लिए तैयार किए ढांचागत पाठ्यक्रम में कक्षा 11 और 12 में मूल संस्कृत व्याकरण और भगवद् गीता के साथ-साथ अन्य हिंदू ग्रंथों को शामिल किया है। जून 2023 से नया पाठ्यक्रम लागू होगा। मलिक दीनार इस्लामिक कॉम्पलैक्स (एम.आई.सी.) द्वारा संचालित ‘द एकेडमी ऑफ शरिया एंड एडवांस स्टडीज’ (ए.एस.ए.एस.) हाल ही में हिंदू विद्वानों की मदद से अपने छात्रों को संस्कृत पढ़ाकर एक मिसाल पेश करने के लिए चर्चा में थी।
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संस्थान ने कहा कि यह निर्णय छात्रों में अन्य धर्मों के बारे में ज्ञान और जागरूकता पैदा करने के लिए लिया गया। संस्थान के समन्वयकों में से एक हाफिज अबूबकर ने बताया कि पहले का संस्कृत पाठ्यक्रम बहुत विस्तृत नहीं था। उन्होंने कहा कि अब आठ साल के पाठ्यक्रम के लिए एक सिलेबस है जो 12वीं से स्नातकोत्तर तक चलता है। अबूबकर ने कहा कि छात्रों के पास अब संस्कृत में डिग्री या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चुनने का भी विकल्प होगा।