Surya Grahan: 30 अप्रैल को लगेगा 2022 का पहला सूर्य ग्रहण, पढ़ें पूरी जानकारी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Apr, 2022 01:05 PM

surya grahan

खगौलीय विज्ञान के अनुसार धरती सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती की परिक्रमा के दौरान चंद्रमा

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Solar Eclipse 2022: खगौलीय विज्ञान के अनुसार धरती सूर्य की परिक्रमा करती है और चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है। जब सूर्य और धरती की परिक्रमा के दौरान चंद्रमा परिक्रमा करते-करते सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है तो धरती से सूर्य को देखने पर चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को कुछ समय के लिये ढंक लेता है। इस घटना को ही सूर्यग्रहण कहते हैं। 

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वैसे तो साल 2022 में दो सूर्यग्रहण होंगे। जिनमें पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 को घटित होगा। सूर्य पर ग्रहण लगना यह एक खगोलीय घटना है परन्तु इसका सनातन विज्ञान कहें या हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व होता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल के समय कई कामों की मनाही भी होती है। इस बार साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल 2022 की आधी रात 12ः15 मिनट से आरम्भ हो कर प्रातःकाल 4 बजकर 08 मिनट तक रहेगा। ग्रहण मध्य 2 बजकर 12 मिनट 26 सैकेंड पर होगा। यह ग्रहण 3 घंटे 52 मिनट और 42 सैकेंड की अवधि तक रहेगा। 

यह ग्रहण खण्डग्रास सूर्यग्रहण होगा। जो कि पेसेफिक अटलांटिक सागर तथा दक्षिणीय अमेरिका और अंटार्कटिका के कुछ भागों में दिखाई देगा। फॉकलैंड अर्जेंण्टाईना, चिल्ली, उरूगाय, पैरागाय व बोल्विया देशों में यह ग्रहण खण्डग्रास आकृति में दिखाई देगा। भारत देश मे यह ग्रहण कहीं भी किसी भी रूप में दिखाई नहीं देगा। सॉशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे ज्योतिष आचार्य इस ग्रहण से होने वाले फायदे एवं नुकसार भारतीयों को बताएंगे परन्तु किसी भी रूप में भारतीयों को इस ग्रहण का अनुसरण नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह ग्रहण जब भारत देश में किसी भी स्थान पर किसी भी रूप में दिखाई नहीं दे रहा तो यह भारत देश पर अपना प्रभाव नहीं बना सकता। तो हमें किसी भी रूप में इस सूर्यग्रहण के प्रभावों से भयभीत होने की आवश्यक्ता ही नहीं है। 

उपरोक्त लिखित जिन भी देशों में यह ग्रहण प्रभावी होगा वहां के नागरिकों पर इसका अलग-अलग तरह से प्रभाव अवश्य रहेगा। कुछ सावधानियों में ध्यान रखने योग्य बाते हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए। जिसमे कि किसी भी प्रकार के उपकरणों का प्रयोग किया जाऐ या जिससे कि काटना, छीलना, जलाना, मरोड़ना इत्यादि क्रियाओं का प्रयोग करना पड़े। इस सावधानी का ध्यान गर्भवती महिला के पति को भी रखना होगा क्योंकि आपने देखा या सुना होगा कि किसी-किसी बच्चे का जन्म कईं प्रकार की दिव्यांगताओं के साथ होता है। जब इस दिव्यांगता पर गहराई से अध्ययन किया जाये तो पता चलता है कि अधिकतर माता के गर्भवती अवस्था में माता या गर्भ के पिता द्वारा उपरोक्त क्रियाओं को किया गया जिस कारण यह दिव्यांगता उत्पन्न हुई। ग्रहण के कारण किस प्रकार दिव्यांगता जो अधिकतर देखी गयी वो इस प्रकार से है बच्चे पर जन्म से ही काले निशान, कोई अंग मुड़ा या टेढ़-मेढ़ा, जला हुआ निशान, कोई अंग कटा हुआ इत्यादि होता है।

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Sanjay Dara Singh
AstroGem Scientist
LLB., Graduate Gemologist GIA (Gemological Institute of America), Astrology, Numerology and Vastu (SSM)

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