Kundli Tv- रावण की मौत के बाद मंदोदरी का क्या हुआ?

Edited By Jyoti,Updated: 13 Sep, 2018 02:51 PM

untold story of ravans wife mandodari

रामायण का नाम सुनते ही हर किसी के मन में श्री राम की छवि बन जाती है। इसके साथ ही इसका सारे मुख्य पात्रों को याद किया जाता है, जैसे बजरंगबली, माता सीता, भ्राता लक्ष्मण और सबसे मेन रावण, जिसके बिना रामायण अधूरी मानी जाती है। लेकिन रामायण का एेसा पात्र...

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रामायण का नाम सुनते ही हर किसी के मन में श्री राम की छवि बन जाती है। इसके साथ ही इसका सारे मुख्य पात्रों को याद किया जाता है, जैसे बजरंगबली, माता सीता, भ्राता लक्ष्मण और सबसे मेन रावण, जिसके बिना रामायण अधूरी मानी जाती है। लेकिन रामायण का एेसा पात्र और है, जिसके बारे में जानने की इच्छा किसी को नहीं हुई और न ही किसी ने इसके बारे में जानने की कोशिश की। अब आप सोच रहे होंगे कि एेसा कौन सा पात्र है। तो आपको बता दें हम बात कर रहे हैं, रावण की पत्नी मंदोदरी की। यह तो सब जानते हैं कि श्रीराम रावण को मारकर अपनी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण और अपने परम भक्त बजरंगबली के साथ अपने राज्य वापिस लौट गए थे। लेकिन लौटने से पहले उन्होंने रावण की पत्नी मंदोदरी को एेसा कुछ कहा था कि उसने अपने आप को कई दिनों तक अपने आप को लंका की चार दीवारी में बंद कर दिया था।

PunjabKesariइस बात पर चर्चा करने से पहले हम आपको मंदोदरी के जीवन से जुड़ी कुछ एेसी रोचक बातें बताएंगे जिनके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार मधुरा नामक एक अप्सरा माता पार्वती से मिलने एक बार कैलाश पहुंच गई। लेकिन जब वह वहां पहुंची तो उसे माता पार्वती की जगह भगवान शंकर भस्म रमाए हुए मिले। उन्हें देखकर वह उन्हें अपनी ओर रिझाने के लिए उनके समाने नृत्य करने लगी। थोड़ी देर बाद जब वहां माता पार्वती पहुंची तो उन्हें यह सब देखकर बहुत क्रोध आया।
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इतना ही नहीं गुस्से में आकर माता पार्वती ने मधुरा को मेंढक बनने का श्राप दिया और कहा कि तुम इसी स्थान पर एक कुएं में पूरे 12 सालों तक रहोगी। यह सब देखकर भगवान शिव ने माता पार्वती को उसे श्राप मुक्त करने के लिए कहा। भगवान शंकर के कहने पर माता पार्वती मान गई और मधुरा के श्राप का समय कम कर दिया। 


मंदोदरी कुछ साल तक कुएं में पूजा करती रही। दूसरी ओर असुरों के देवता मयापुर और पत्नी हेमा के दो पुत्र थे वो चाहते थे कि दोनों की एक बेटी हो। बेटी के लिए दोनों कई सालों तक कठोर तपस्या कर रहे थे। इसी दौरान कुछ वर्षों बाद मधुरा कुएं में असली रूप में आ गई और मदद के लिए पुकारने लगी। मधुरा की आवाज़ सुनकर मयासुर ने पूजा समाप्त की ओर मधुरा को गोद में उठाया। मयासुर ने इस लड़की का नाम मंदोदरी रखा।

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कुछ सालों बाद रावण एक बार मयासुर से मिलने गया। रावण ने मयासुर की बेटी मंदोदरी को देखा तो वह मंत्रमुग्ध हो गया। रावण ने मयासुर से कहा कि उसे मंदोदरी पसंद है और वह वो मंदोदरी के साथ विवाह करना चाहता है। मयासुर ने मना कर दिया तो रावण ने जबरन विवाह कर लिया। विवाह के बाद दोनों के तीन पुत्र हुए। मंदोदरी को पता था कि रावण बहुत अहंकारी है और वो जिस मार्ग पर चल रहा है उसका विनाश निश्चित है। मंदोदरी ने रावण को भगवान राम की पत्नी माता सीता को वापस भेजने का कहा लेकिन रावण ने मना कर दिया


भगवान राम और रावण के बीच युद्ध हुआ। रावण के मरने के बाद मंदोदरी युद्ध भूमि पर गई और विनाश देखकर अत्यंत दुखी हुई। भगवान राम ने लंका का राजपाट विभीषण को सौंप दिया। अद्भुत रामायण के अनुसार भगवान राम ने मंदोदरी को सुझाव दिया कि वह विभीषण से विवाह कर लें। भगवान राम ने कहा कि वो अब भी लंका की महारानी है। ये कहकर भगवान राम वापस अयोद्ध लौट गए। कहा जाता है कि उसके बाद मंदोदरी ने खुद को महल में कैद कर लिया। काफी समय तक मंदोदरी ने किसी से कोई संपर्क नहीं रखा। काफी लंबे समय के बाद वह पुन: अपने महल से निकली और विभीषण से शादी करने को तैयार हुई।
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