Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jan, 2023 06:23 AM
क्रोध मानव का सबसे बड़ा शत्रु है। क्रोध जब अपनी चरमावस्था पर होता है, तो संबंध विच्छेद का कारण भी बन जाता है। चाहे वह संबंध पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का या साझेदार का हो। क्रोध सरस रिश्तों में कड़वाहट घोल देता है।
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Vastu and Astrology tips for anger: क्रोध मानव का सबसे बड़ा शत्रु है। क्रोध जब अपनी चरमावस्था पर होता है, तो संबंध विच्छेद का कारण भी बन जाता है। चाहे वह संबंध पति-पत्नी का हो, पिता-पुत्र का या साझेदार का हो। क्रोध सरस रिश्तों में कड़वाहट घोल देता है। ज्योतिषशास्त्र में इसके कारण और निवारण इस प्रकार बताए गए हैं-
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Which planet causes anger: चंद्रमा को बुद्धि, विवेक तथा वाणी का कारक बताया गया है। गुरु को ज्ञान का कारक माना है। जब ये ग्रह किसी अशुभ प्रभाव में होते हैं, तो बुद्धि अंधकारमय तथा वाणी विषाक्त होती है। इसी तरह मंगल हिम्मत का तथा सूर्य शक्ति का कारक माना जाता है। इनसे निर्मित अशुभ योगों से हिम्मत दुस्साहस में तथा शक्ति क्रोध में बदल जाती है। जिन लोगों को गुस्सा बहुत आता है, उन्हें ये उपाय करने से मदद मिलेगी-
Totka to control anger: चांदी की चंद्राकृति के मध्य मोती जड़वा कर लॉकेट के रूप में धारण करें।
आग्नेय कोण में शयन नहीं करें (पूर्व और दक्षिण के बीच का कोना)।
वास्तु के अनुसार अपने गुस्से को कंट्रोल करने के लिए किचन काउंटर में शीशा लगवाएं।
अमावस्या को पितरों के नाम गायत्री मंत्र का जप करें।
21 दिन तक शुक्लपक्ष के सोमवार से लेकर नित्य ॐ जूं स: मंत्र का शिवालय में बैठकर 11 माला मंत्र की जपें।
बहुत अधिक गुस्सा करने वाले अपने जीवन में जल तत्व की मात्रा को बढ़ाएं। इससे तन और मन शांत रहते हैं।