Edited By Sarita Thapa,Updated: 21 Dec, 2025 10:01 AM

हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में घर को केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि एक मंदिर माना गया है। प्राचीन काल से ही हमारे बुजुर्ग घर के बाहर जूते उतारने की सलाह देते आए हैं।
Vastu For Shoes : हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में घर को केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि एक मंदिर माना गया है। प्राचीन काल से ही हमारे बुजुर्ग घर के बाहर जूते उतारने की सलाह देते आए हैं। कई लोग इसे केवल साफ-सफाई से जोड़कर देखते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र की गहराई में छिपे अर्थ इससे कहीं अधिक गंभीर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके वही जूते, जो बाहर की धूल मिट्टी समेटते हैं, वे अपने साथ अदृश्य नकारात्मकता और राहु-शनि के अशुभ प्रभावों को भी घर की दहलीज के भीतर ले आते हैं। यही कारण है कि प्राचीन ग्रंथों में घर के भीतर जूते पहनकर प्रवेश करने को एक बड़ा दोष या 'पाप' के समान माना गया है, जो देखते ही देखते घर की सुख-समृद्धि को नष्ट कर सकता है। तो आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे धार्मिक, वास्तु और वैज्ञानिक कारण।
नाकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
वास्तु के अनुसार, हम जब बाहर जाते हैं, तो जूतों के साथ कई तरह की जगहों की नकारात्मक ऊर्जा हमारे जूतों के तलवों में चिपक जाती है। जब हम वही जूते पहनकर घर में आते हैं, तो वह नकारात्मक ऊर्जा घर की सुख-शांति को भंग कर देती है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और झगड़े बढ़ने लगते हैं।
राहु और शनि का दुष्प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में पैरों को शनि का स्थान माना गया है और जूतों का संबंध राहु और शनि दोनों से होता है। घर के अंदर जूते लाना यानी राहु और शनि के अशुभ प्रभाव को आमंत्रित करना है। इससे घर में दरिद्रता आती है और बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं।

दहलीज का महत्व और देवताओं का अपमान
वास्तु शास्त्र कहता है कि घर की मुख्य दहलीज पर देवी लक्ष्मी का वास होता है। जूते-चप्पल गंदगी के प्रतीक हैं। जब हम जूते पहनकर घर की दहलीज पार करते हैं, तो यह सीधे तौर पर धन की देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। इससे घर की बरकत रुक जाती है और आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
रसोई और मंदिर की पवित्रता
अक्सर लोग अनजाने में जूते पहनकर रसोई या पूजा कक्ष के पास चले जाते हैं। रसोई को अन्नपूर्णा का स्थान माना जाता है। जूतों की गंदगी और वहां से आने वाली अशुद्धता भोजन की सात्विकता को नष्ट कर देती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
वैज्ञानिक कारण: स्वच्छता और बैक्टीरिया
अगर वास्तु से हटकर विज्ञान की बात करें, तो जूतों के तलवों में लाखों हानिकारक बैक्टीरिया और धूल-मिट्टी होती है। घर के अंदर जूते पहनने से ये कीटाणु फर्श पर फैल जाते हैं, जिससे छोटे बच्चों और बुजुर्गों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है।

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