Edited By Sarita Thapa,Updated: 10 Nov, 2025 02:54 PM

वृश्चिक संक्रान्ति का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह समय विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है।
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Vrishchika Sankranti mantra: वृश्चिक संक्रान्ति का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह समय विशेष रूप से सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सूर्य देव के सही मंत्रों का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की सभी परेशानियों और बाधाओं से भी छुटकारा मिलता है। सूर्य देव को सौर ऊर्जा का प्रत्यक्ष स्रोत माना जाता है, और उनके मंत्रों का नियमित जाप जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, समृद्धि और सफलता लाने का मार्ग प्रशस्त करता है। वृश्चिक संक्रान्ति के अवसर पर किए गए मंत्र जाप का प्रभाव सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होता है। तो आइए जानते हैं कि वृश्चिक संक्रान्ति के दिन सूर्य देव के कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए।

सूर्य देव के मंत्र -
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ घृणिसूर्याय नमः।
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
ॐ सूर्यनारायणायः नमः।
सूर्य गायत्री मंत्र -
ॐ आदित्याय विद्महे प्रभाकराय धीमहि
तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्॥
सूर्य आरोग्य मंत्र -
ॐ नमः सूर्याय शान्ताय सर्वरोगनिवारिणे।
आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देव जगत्पते॥
सूर्य प्रणाम मंत्र -
ॐ जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महद्युतिम्।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्॥
सूर्य कामनापूर्ति मंत्र -
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय
मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा॥

॥आरती श्री सूर्य जी ॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन - तिमिर - निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दुःखहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर - मुनि - भूसुर - वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल - सुकर्म - प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
