शिव मंदिर में 3 ताली बजाने का रहस्य, जानें इसके पौराणिक और धार्मिक महत्व !

Edited By Updated: 10 Mar, 2025 07:28 AM

why do we clap 3 times in shiva temple

भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ, अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान अत्यधिक महत्व रखते हैं। शिव पूजा में विशेष रूप से ताली बजाने की परंपरा एक महत्वपूर्ण आस्थापूर्वक क्रिया मानी जाती है

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Why do we clap 3 times in Shiva temple: भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ, अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान अत्यधिक महत्व रखते हैं। शिव पूजा में विशेष रूप से ताली बजाने की परंपरा एक महत्वपूर्ण आस्थापूर्वक क्रिया मानी जाती है। शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाने का रहस्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व भी गहरा है। यह अनुष्ठान जीवन में संतुलन, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग दर्शाता है। आइए, हम इस क्रिया के रहस्य को विस्तार से समझें और जानें इसके धार्मिक और पौराणिक पहलुओं को।

तीन ताली बजाने का पौराणिक महत्व
भारतीय धर्म और संस्कृति में हर क्रिया और अनुष्ठान का गहरा पौराणिक आधार होता है। शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाने की परंपरा भी अनेक पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। 

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भगवान शिव का त्रिनेत्र रूप
भगवान शिव को त्रिनेत्र के रूप में पूजा जाता है। उनकी तीसरी आंख का प्रतीकात्मक रूप जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र को नियंत्रित करने का प्रतीक है। जब भक्त शिव मंदिर में तीन बार ताली बजाते हैं, तो यह उनकी त्रिनेत्र की शक्ति और दिव्य दृष्टि को सम्मानित करने का एक तरीका होता है। इन तीन ताली बजाकर हम भगवान शिव के अद्वितीय रूप को सम्मानित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं।

तीन ताली बजाने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

आध्यात्मिक उन्नति और संतुलन
तीन ताली बजाना न केवल बाहरी एक क्रिया है बल्कि यह एक आंतरिक प्रक्रिया भी है। यह एक प्रकार से भक्त के शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को स्थापित करने का तरीका है। हिंदू धर्म में यह विश्वास किया जाता है कि जब व्यक्ति तीन ताली बजाता है, तो यह उसकी तीनों प्रमुख अंगों के बीच समन्वय स्थापित करता है। यह प्रक्रिया उसे आध्यात्मिक शांति और उन्नति की ओर अग्रसर करती है। यह क्रिया ध्यान, साधना और साध्य को प्राप्त करने का एक तरीका बन जाती है।

पूजा और भक्ति का प्रभावी तरीका
शिव मंदिर में तीन ताली बजाने से वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ताली बजाने से सम्पूर्ण ध्यान को भगवान शिव पर केंद्रित करता है। यह एक तरह से मानसिक शांति प्राप्त करने का तरीका है। ताली बजाने के बाद भक्त को मानसिक संतुलन मिलता है और वह मानसिक रूप से शांति की स्थिति में प्रवेश करता है। यही कारण है कि शिव मंदिरों में ताली बजाने की परंपरा अत्यधिक प्रभावी मानी जाती है।

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भगवान शिव की शक्ति और आशीर्वाद का आह्वान
भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम ताली बजाना है। जब भक्त शिव के मंदिर में ताली बजाता है, तो वह भगवान शिव से आशीर्वाद की कामना करता है। ताली बजाने से वातावरण में एक दिव्य ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो भक्त के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। यह आशीर्वाद की प्राप्ति का मार्ग खोलता है और भक्त को हर तरह की समस्याओं से मुक्त करता है।

तीन ताली बजाने का मानसिक और शारीरिक लाभ

शिव मंदिर में तीन ताली बजाने की प्रक्रिया मानसिक शांति को बढ़ावा देती है। जब हम ताली बजाते हैं, तो यह हमें मानसिक रूप से शांत करता है और हमारे विचारों को एकाग्र करता है। ताली बजाने से हमारे मन से नकारात्मक विचारों का त्याग होता है और हम सकारात्मक ऊर्जा से भरे होते हैं। यह मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने का एक प्रभावी उपाय है।

शिव के त्रिदेव रूप का सम्मान
तीन ताली बजाना भगवान शिव के त्रिदेव रूप का सम्मान भी है। त्रिदेव में ब्रह्मा, विष्णु और शिव होते हैं। इन तीनों का कार्य सृष्टि के संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ताली बजाकर हम इन त्रिदेवों के कार्यों की सराहना करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। इस प्रकार, तीन ताली बजाने की परंपरा एक श्रद्धेय साधना का रूप बन जाती है, जो भक्त को त्रिदेवों से आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। 

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