Edited By Niyati Bhandari,Updated: 04 May, 2018 08:35 AM
सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। दैवीय शक्तियों को विधाता ने मनुष्य की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने का काम सौंपा है।
सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओं का पूजन किया जाता है। दैवीय शक्तियों को विधाता ने मनुष्य की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने का काम सौंपा है। हर दिन का अपना खास महत्व होता है लेकिन कुछ दिनों में विशेष देवी-देवताओं का पूजन करने से सांसारिक कामनाओं की पूर्ति होती है। सप्ताह के सात दिन भी सात देवों को समर्पित हैं, उनकी पूजा से क्या फल मिलता है, आईए जानें-
रविवार: रविवार को सूर्य देव का वार कहा जाता है। इस रोज व्रत रखना, घी-तेल और नमक से परहेज करना शुभ फल देता है। संडे को लाल रंग के कपड़े पहनें, लाल चंदन का टीका लगाएं और लाल रंग के फल-फूल सूर्यनारायण को अर्पित करके गरीबों में बांट दें।
सोमवार: सोमवार का दिन देवों के देव महादेव और चन्द्र ग्रह को समर्पित है। कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन सफ़ेद रंग के कपड़े पहनना और इसी रंग की चीजों का दान करना विशेष फलदाई है।
मंगलवार: मंगलवार का दिन हनुमान जी और मंगल ग्रह का है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में कभी भी अमंगल प्रवेश नहीं करता। इस दिन लाल वस्त्र पहनने चाहिए। हनुमान जी को गुड़, चने और लाल रंग की मिठाईयों का भोग लगाने से शनि और मंगल ग्रह की शुभता मिलती है।
बुधवार: शास्त्रों ने बुधवार का दिन श्री गणेश और बुध ग्रह के लिए निहित किया है। इस दिन हरे रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। मूंग दाल, घी व दही का दान करने से समाज में मान बढ़ता है और बुद्धि तेज होती है।
बृहस्पतिवार: बृहस्पतिवार यानि गुरुवार, देवों के गुरू बृहस्पति और भगवान श्री हरि विष्णु को यह दिन समर्पित है। इस दिन व्रत करने से धन, पुत्र और विद्या की प्राप्ति होती है। पीले रंग के कपड़े पहनने और पीली चीजों का दान करना शुभ होता है।
शुक्रवार: यह दिन महालक्ष्मी, देवी दुर्गा, वैभव लक्ष्मी, संतोषी माता और शुक्र ग्रह का है। इस दिन सफ़ेद कपड़े पहनने चाहिए। इसी रंग की चीजों का दान करना लाभकारी है। शुक्रवार के दिन घर में खीर बना कर गरीबों में बांटने से भंडार भरते हैं।
शनिवार: इस दिन के प्रधान देव तो शनि हैं लेकिन हनुमान जी की अराधना विशेष फल देती है। काले रंग के वस्त्र पहनने के साथ-साथ काली चीजों का गरीबों को दान करना चाहिए। घर में तेल से बनी चीजें बना कर मेहनतकश मजदूरों को बांटनी चाहिए।