Edited By Piyush Sharma,Updated: 05 Oct, 2021 12:34 PM

देश भर में ध्वनि प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों पर भी हानिकारक असर होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय परिवहन एवं सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को नासिक में एक सड़क उद्घाटन के दौरान बयान दिया कि...
ऑटो डेस्क: देश भर में ध्वनि प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसका मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों पर भी हानिकारक असर होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय परिवहन एवं सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को नासिक में एक सड़क उद्घाटन के दौरान बयान दिया कि वह एक ऐसा कानून लाने का प्लान बना रहे हैं, जिसमें गाड़ियों के हार्न में अब इंडियन म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट का उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि “मैं इन सायरन को खत्म करना चाहता हूं। इसके लिए मैं एम्बुलेंस और पुलिस द्वारा उपयोग किए जाने वाले सायरन का अध्ययन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि, “यह बहुत परेशान करने वाला है, विशेष रूप से मंत्रियों के गुजरने के बाद जिन सायरन का उपयोग किया जाता है। इससे कानों को भी नुकसान होता है।”गडकरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि वाहनों में मन को अच्छी लगने वाली ध्वनियों का प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि “मैं इसका अध्ययन कर रहा हूं और जल्द ही एक कानून बनाने की योजना बना रहा हूं कि सभी वाहनों के हॉर्न में बांसुरी, तबला, वायलिन, हारमोनियम जैसे भारतीय वाद्ययंत्रों का प्रयोग हो, ताकि यह कानों को सुनने में सुखद रहे।“
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के शहरी क्षेत्रों में वाहनों के ध्वनि प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ गई है। जिसके चलते सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि रिहायशी इलाकों में शोर का स्तर दिन के दौरान 55 डीबी और रात में 45 से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। इस के बाद भी चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में सबसे ज़्यादा ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया जाता है।