Edited By Radhika,Updated: 23 Dec, 2025 06:16 PM

अगर आप भी फिटनेस के लिए कीवी फल खाना पसंद करते हैं, लेकिन इसकी ऊंची कीमत आपको पीछे खींच लेती है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाल ही में हुए ऐतिहासिक Free Trade Agreements (FTAs) ने कीवी के शौकीनों का रास्ता साफ कर दिया है।...
नेशनल डेस्क : अगर आप भी फिटनेस के लिए कीवी फल खाना पसंद करते हैं, लेकिन इसकी ऊंची कीमत आपको पीछे खींच लेती है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाल ही में हुए ऐतिहासिक Free Trade Agreements (FTAs) ने कीवी के शौकीनों का रास्ता साफ कर दिया है। सरकार की इस रणनीति से आने वाले दिनों में न केवल कीवी, बल्कि सेब और अन्य विदेशी फल भी सस्ते होने जा रहे हैं।
क्यों हो रही है इस डील की चर्चा?
अमेरिका के साथ टैरिफ विवादों और वैश्विक व्यापार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए भारत अब 'लुक ईस्ट' और 'ओशिनिया' क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से हाथ मिला रहा है। यूके, यूएई और ओमान के बाद, न्यूजीलैंड के साथ यह सातवां बड़ा व्यापार समझौता है। इसका सबसे सीधा असर 'कीवी फ्रूट' की कीमतों पर पड़ने वाला है।
इतनी हो सकती है कीमत
वर्तमान में भारत में एक अच्छी गुणवत्ता वाले कीवी फल की कीमत औसतन 50 से 60 रुपये के आसपास रहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि नई डील के बाद इसकी कीमतों में 20 से 30 % तक की कमी आ सकती है। यानी जो कीवी आप 50 रुपये में खरीदते थे, वह अब 35 से 40 रुपये के आसपास मिल सकता है।

टैक्स में कटौती: 33% से सीधा 0% का सफर
कीवी के सस्ते होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है 'इंपोर्ट ड्यूटी' यानी आयात शुल्क में कटौती। मौजूदा न्यूजीलैंड से आने वाले कीवी पर भारत 33% का भारी टैक्स वसूलता था। FTA समझौते के तहत न्यूजीलैंड से आने वाले कीवी के एक निश्चित कोटे (Quota) पर टैक्स को घटाकर 0% कर दिया गया है। शुरुआत में 6,250 टन कीवी को 'ड्यूटी फ्री' (कर मुक्त) श्रेणी में रखा गया है, जिसे अगले 6 सालों में बढ़ाकर 15,000 टन तक ले जाने का लक्ष्य है।
भारत के लिए क्यों जरूरी है यह डील?
भारत अपनी जरूरत का एक बड़ा हिस्सा वियतनाम, चिली और न्यूजीलैंड जैसे देशों से आयात करता है। 2023 में भारत ने लगभग 55,000 टन कीवी मंगवाया था, जिसमें न्यूजीलैंड की हिस्सेदारी महज 5% थी। अब जीरो टैक्स होने के कारण न्यूजीलैंड से आयात बढ़ेगा, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और अंततः ग्राहकों को सस्ते दाम पर फल मिलेंगे।

सिर्फ कीवी ही नहीं और भी बहुत कुछ मिलेगा सस्ता
न्यूजीलैंड से होने वाली इस डील का फायदा केवल फलों तक सीमित नहीं है। अन्य कई चीजों के दाम भी घटेंगे:
- सेब और चेरी: न्यूजीलैंड के सेबों पर भी टैरिफ में 50% तक की कटौती की गई है।
- ऊन और लकड़ी: कच्ची ऊन और कोयले जैसी औद्योगिक वस्तुओं पर भी ड्यूटी हटाई गई है।
- छात्रों के लिए मौका: समझौते में केवल सामान ही नहीं, बल्कि भारतीय छात्रों के लिए 3-4 साल का पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा और पेशेवरों के लिए 5,000 टेंपरेरी वीजा का भी प्रावधान है।