Edited By Mansa Devi,Updated: 23 Dec, 2025 02:50 PM

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा ने नई बहस छेड़ दी है। 27 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के खिलाफ भारत में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली में ढाका हाई कमीशन के बाहर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं...
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ लगातार बढ़ती हिंसा ने नई बहस छेड़ दी है। 27 साल के हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग के खिलाफ भारत में कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली में ढाका हाई कमीशन के बाहर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। इसी बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बांग्लादेश में हुई घटनाओं को भारत में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार का ‘रिएक्शन’ करार दिया, जिससे नया विवाद पैदा हो गया।
दिग्विजय सिंह का बयान
दिग्विजय सिंह ने मंगलवार, 23 दिसंबर को कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं और ईसाइयों पर हमले भारत में देखा जाने वाला सांप्रदायिक रवैया जैसी ही प्रतिक्रिया हैं। ANI से बातचीत में उन्होंने कहा: "बांग्लादेश में जब से सरकार बदली है, वहां ऐसे तत्व हैं जो धार्मिक उन्माद फैलाकर राजनीति करते हैं। जिनका विरोध शेख हसीना करती थीं। हम वहां हमारे हिंदू और ईसाई भाईयों के साथ हो रही हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं।"
बीजेपी का पलटवार
सिंह के बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- "जब भारत पर हमला होता है तो दिग्विजय सिंह आतंकवादियों के साथ होते हैं। और जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला होता है, तो उन्हें भारत की घटनाएं याद आती हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि भारत में मुसलमानों पर कौन सा हमला हुआ।"
घटना का सच
बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में 27 वर्षीय दीपू चंद्र दास को पैगंबर मुहम्मद का अपमान करने का फर्जी आरोप लगाकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। बाद में रिपोर्ट्स में सामने आया कि कुछ सहकर्मियों ने झूठे आरोप में उसे फंसाने की कोशिश की थी।
विरोध प्रदर्शन
हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों जैसे VHP और बजरंग दल ने मंगलवार को बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। भगवा झंडे और नारे के साथ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लगभग 800 मीटर दूर रोक दिया। प्रदर्शन से पहले इलाके में 15,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।