Earthquake: भूकंप के तेज झटकों से हिली धरती, रिएक्टर स्केल पर 4.3 रही तीव्रता

Edited By Updated: 06 Mar, 2025 07:45 PM

earthquake earth shook due to strong tremors of earthquake

गुरुवार को दक्षिणी सिनाई और ईलाट की खाड़ी में रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।

इंटरनेशनल डेस्क: गुरुवार को दक्षिणी सिनाई और ईलाट की खाड़ी में रिक्टर पैमाने पर 4.3 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। यह भूकंप इसराइल के अलावा सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन में भी महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र सऊदी अरब के हकल शहर से 34 किलोमीटर (21 मील) की दूरी पर स्थित था। इस भूकंप से स्थानीय निवासियों में घबराहट फैल गई, हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की सूचना नहीं है।

ग्रीस में आए भूकंप से भी इसराइल प्रभावित
हाल ही में ग्रीस के साइक्लेड्स क्षेत्र में भूकंप की एक श्रृंखला आई, जिसमें सेंटोरिनी भी शामिल था। इसका असर इसराइल तक महसूस किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, भूमध्य सागर में आने वाले बड़े भूकंप का सीधा असर इसराइल और आसपास के क्षेत्रों पर पड़ सकता है।

सुनामी का खतरा और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक
लगभग एक महीने पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस संभावित खतरे को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की थी। इसमें होम फ्रंट कमांड सहित सभी सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि यदि भूमध्य सागर में कोई बड़ा भूकंप आता है तो सुनामी इसराइल तक पहुंच सकती है।

भूकंप की प्रकृति: टेक्टोनिक या ज्वालामुखीय?
विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, यह भूकंप ज्वालामुखीय नहीं बल्कि टेक्टोनिक था। पूर्व में भी देखा गया है कि छोटे भूकंपों की एक श्रृंखला के बाद बड़े भूकंप आ सकते हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में इसराइल और आसपास के देशों को अधिक शक्तिशाली भूकंप और सुनामी लहरों का सामना करना पड़ सकता है।

स्थानीय प्रशासन और जनता की प्रतिक्रिया
भूकंप के झटकों के बाद स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है और संभावित खतरे से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे आपातकालीन सुरक्षा उपायों का पालन करें और भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।

भविष्य में उठाए जा सकने वाले कदम

  1. भूकंप के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं।

  2. इमारतों और बुनियादी ढांचे को अधिक भूकंप-रोधी बनाया जाए।

  3. सुनामी से निपटने के लिए विशेष चेतावनी प्रणाली विकसित की जाए।

  4. आपातकालीन सेवाओं को अधिक सक्रिय और प्रभावी बनाया जाए।

क्या कहती है जनता?
ईलाट और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों ने इस भूकंप को लेकर चिंता जाहिर की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब तक इस झटके से उबर नहीं पाए हैं और भविष्य में किसी बड़े भूकंप की संभावना से डरे हुए हैं।


 

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