Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Oct, 2025 09:08 AM

ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरो में हाल ही में हुई पुलिस कार्रवाई ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। ड्रग्स कार्टेल के खिलाफ यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा माना जा रहा है। इस हिंसक एनकाउंटर में 119 लोग मारे गए, और मृतकों के परिवारों ने सड़क किनारे उनके...
ब्राजील: ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरो में हाल ही में हुई पुलिस कार्रवाई ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। ड्रग्स कार्टेल के खिलाफ यह अभियान अब तक का सबसे बड़ा माना जा रहा है। इस हिंसक एनकाउंटर में 119 लोग मारे गए, और मृतकों के परिवारों ने सड़क किनारे उनके शव कतारों में रख दिए, जिससे पूरे शहर में भय और सदमे का माहौल बन गया।
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा भी इस आंकड़े को देखकर स्तब्ध रह गए। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस की इस कार्रवाई पर चिंता जताई है, जबकि रियो की प्रांतीय सरकार इसे बड़ी सफलता बता रही है। यह कार्रवाई COP 30 ग्लोबल क्लाइमेट चेंज मीटिंग से कुछ दिन पहले अमेज़न शहर बेलेम के आयोजन से पहले की गई।
स्थानीय लोगों ने बताया ‘नरसंहार’
रियो की एक स्थानीय महिला ने मीडिया को बताया कि यह कोई साधारण पुलिस ऑपरेशन नहीं था। उनका कहना था कि पुलिस सीधे लोगों को मारने आई थी। विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनकाउंटर के दौरान एक व्यक्ति का सिर कट गया और दूसरे का चेहरा पूरी तरह से विकृत हो गया। शवों को सड़क किनारे कतार में रखा गया।

ऑपरेशन की व्यापकता
इस अभियान में 2500 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए। बख्तरबंद गाड़ियाँ और हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करके ड्रग्स कार्टेल के ठिकानों पर हमला किया गया। वहीं, ड्रग्स कार्टेल ने पुलिस पर बम और ड्रोन से हमला किया। पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान बसों को जब्त कर राजमार्गों पर बैरिकेड बनाने के लिए उपयोग किया।
सरकारी प्रतिक्रिया
राज्य के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने इस रेड को “नार्कोटेररिज़्म के खिलाफ सफलता” बताया और कहा कि ऑपरेशन में चार पुलिसकर्मी भी मारे गए। वहीं, राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने बताया कि केंद्रीय सरकार को इस ऑपरेशन की पूर्व जानकारी नहीं थी। केंद्रीय कानून मंत्री रिकार्डो ने कहा कि राष्ट्रपति मौतों की संख्या जानकर हैरान रह गए।

संयुक्त राष्ट्र और एक्टिविस्ट की प्रतिक्रिया
सामाजिक कार्यकर्ता राउल सैंटियागो ने कहा कि कई लोगों को सीधे फांसी दी गई या पीठ/सिर में गोली मारी गई। उन्होंने इसे सार्वजनिक सुरक्षा के रूप में स्वीकार नहीं किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस बड़े पैमाने पर हुई हिंसा पर चिंता जताई और त्वरित जांच की मांग की।