Edited By Tanuja,Updated: 27 Sep, 2025 01:55 PM

ईरान ने फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूत वापस बुला लिए हैं। यह कदम संयुक्त राष्ट्र के परमाणु प्रतिबंधों और अमेरिका तथा यूरोपीय दबाव के बीच आया है। नए प्रतिबंधों में ईरान की विदेशी संपत्तियों की जब्ती, हथियार सौदों पर रोक और बैलेस्टिक मिसाइल...
International Desk: ईरान ने शनिवार को फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुलाने का निर्णय लिया। यह कदम उन अंतरराष्ट्रीय तनावों के बीच आया है, जिनमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मुद्दा शामिल है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ के अनुसार, यह कदम अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए दबाव के चलते उठाया गया है। यूरोप के ये तीन देश ईरान पर जोर दे रहे हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग करे और अमेरिका के साथ सीधे बातचीत करे।
प्रतिबंधों के नए दौर में ईरान के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए जाएंगे:
- विदेशों में ईरानी संपत्तियों की जब्ती होगी।
- तेहरान के साथ हथियार सौदों पर रोक लगेगी।
- बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम जारी रहने पर कड़ी सजा मिलेगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम ईरान की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक बड़ा तनाव पैदा कर सकता है। इस निर्णय से यूरोपीय देशों और अमेरिका के साथ ईरान के संबंध और जटिल हो सकते हैं। ईरान की विदेश नीति में यह कदम एक सशक्त संकेत माना जा रहा है कि तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम और सैन्य महत्वाकांक्षाओं पर कोई समझौता नहीं करेगा।