सावधान! गर्भवती महिलाएं इस पैनकिलर दवा से करें परहेज, डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा

Edited By Updated: 23 Sep, 2025 09:06 AM

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा स्वास्थ्य संबंधी कदम उठाने का फैसला किया था। द वाशिंगटन पोस्ट और पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन जल्द ही यह घोषणा करने वाला था कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामॉल (जिसे अमेरिका में टाइलेनॉल...

इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा स्वास्थ्य संबंधी कदम उठाने का फैसला किया था। द वाशिंगटन पोस्ट और पोलिटिको की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन जल्द ही यह घोषणा करने वाला था कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामॉल (जिसे अमेरिका में टाइलेनॉल या एसिटामिनोफेन के नाम से जाना जाता है) के इस्तेमाल से बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ सकता है।

ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा था कि अमेरिका में ऑटिज्म के मामले 'नियंत्रण से बाहर' हो गए हैं और इसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर है। इस संभावित घोषणा के तहत गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जानी थी कि वे सामान्य दर्द के लिए इस दवा का उपयोग करने के बजाय केवल तेज बुखार जैसी गंभीर स्थितियों में ही इसका इस्तेमाल करें।

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वैज्ञानिकों और चिकित्सा संगठनों में मतभेद

ट्रंप प्रशासन के इस संभावित कदम के बावजूद पैरासिटामॉल और ऑटिज्म के बीच संबंध को लेकर वैज्ञानिक समुदाय में आम राय नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत नहीं है कि पैरासिटामॉल के उपयोग से बच्चों में ऑटिज्म होता है। हाल के अध्ययनों में भी विरोधाभासी निष्कर्ष सामने आए हैं।

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उदाहरण के लिए 2024 में स्वीडन में लगभग 20 लाख बच्चों पर किए गए एक बड़े अध्ययन में यह पाया गया कि गर्भावस्था के दौरान पैरासिटामॉल के संपर्क में आने और ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर के बीच कोई कारण-कार्य संबंध नहीं है। इसके अलावा अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स और ब्रिटिश रॉयल कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स जैसे प्रमुख चिकित्सा संगठनों ने भी इस संबंध में कोई नकारात्मक राय नहीं दी है।

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यह मामला बताता है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेते समय वैज्ञानिक प्रमाणों और राजनीतिक बयानों के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। जहां एक तरफ सरकार जनता को संभावित खतरों के बारे में सूचित करना चाहती थी वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि अभी तक ऐसा कोई निर्णायक सबूत नहीं मिला है जो आम उपयोग के लिए इस दवा को असुरक्षित ठहराए।

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