Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Jun, 2025 05:39 PM

एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जहां ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर शांति बनाने की बात कर रहे हैं, तो वहीं इजरायल ने उन्हें ठेंगा दिखाते हुए तेहरान के पास ईरानी रडार पर हमला कर दिया है। बता दें ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर से चरम पर पहुंच गया...
नेशनल डेस्क: एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति जहां ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर शांति बनाने की बात कर रहे हैं, तो वहीं इजरायल ने उन्हें ठेंगा दिखाते हुए तेहरान के पास ईरानी रडार पर हमला कर दिया है। बता दें ईरान और इजरायल के बीच तनाव एक बार फिर से चरम पर पहुंच गया है। मंगलवार सुबह इजरायली वायुसेना ने तेहरान के उत्तर में स्थित एक ईरानी रडार ठिकाने पर हमला किया। यह हमला तब हुआ जब कुछ ही घंटे पहले ईरान ने युद्धविराम का उल्लंघन करते हुए इजरायल पर दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजरायली अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक “छोटा और प्रतीकात्मक” हमला था जो ईरान के उकसावे का जवाब था।
अमेरिका ने दी संयम बरतने की सलाह
हमले से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर एक सख्त संदेश पोस्ट किया। उन्होंने इजरायली नेतृत्व से कहा, “उन बमों को मत गिराओ। यदि आप ऐसा करते हैं तो यह एक बड़ा उल्लंघन है। अपने पायलटों को अभी घर ले आओ।” हालांकि इस पोस्ट के बाद ट्रम्प और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच एक फोन कॉल हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि युद्धविराम उल्लंघन के बावजूद जवाबी कार्रवाई सीमित और प्रतीकात्मक होनी चाहिए। इसी के तहत रडार ठिकाने पर हमला किया गया।
‘दोस्ताना हमला’ या सख्त चेतावनी?
हमले के बाद ट्रम्प ने एक और पोस्ट में कहा कि इजरायल ईरान पर पूर्ण हमला नहीं करेगा लेकिन “दोस्ताना विमान लहराएगा।” इससे साफ होता है कि अमेरिका फिलहाल संघर्ष को और गहराने से रोकना चाहता है। इजरायली नेतृत्व भी इस पूरे घटनाक्रम में संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। नेतन्याहू ने सार्वजनिक बयान में कहा, “हम अपनी रक्षा करना जानते हैं लेकिन इस समय हम जिम्मेदारी से काम लेंगे।”