Edited By Pardeep,Updated: 03 Jul, 2025 05:49 AM

भारत के विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर वर्तमान में अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का मुख्य आकर्षण वॉशिंगटन, डी.सी. में आयोजित क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) विदेश मंत्रियों की बैठक रहा, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी...
इंटरनेशनल डेस्कः भारत के विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर वर्तमान में अमेरिका के चार दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का मुख्य आकर्षण वॉशिंगटन, डी.सी. में आयोजित क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) विदेश मंत्रियों की बैठक रहा, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाना आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि "पीड़ितों और अपराधियों को कभी भी एक समान नहीं माना जाना चाहिए" और “भारत को अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है।”
क्वाड में नई पहलें और सामरिक सहयोग
1. Quad Critical Minerals Initiative
क्वाड मंत्रियों ने ‘महत्वपूर्ण खनिजों के आपूर्ति-शृंखला’ की सुरक्षा और विविधीकरण हेतु यह नई पहल शुरू की, जिसका उद्देश्य चीन की एकाधिकार स्थिति को चुनौती देना है।
2. सागर सुरक्षा तथा Port Partnerships
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समुद्री कानून प्रवर्तन के लिए प्रशिक्षण, विधिक संवाद और तटरक्षक सहयोग को बढ़ावा।
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मुंबई में ‘Quad Ports of the Future’ साझेदारी लॉन्च करने का प्रस्ताव अक्टूबर 2025 में कार्यक्रम के साथ।
3. लॉजिस्टिक्स नेटवर्क व अंडरसी-कैबल
मध्य पूर्व पर भारत का रुख़
जयशंकर ने मध्य‑पूर्व में बढ़ते इजरायल–ईरान तनाव पर अमेरिका के साथ विस्तार से चर्चा की, और कहा कि भारत इस क्षेत्र में स्थिरता चाहता है। उन्होंने कहा कि इस तरह का संघर्ष अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को प्रभावित करता है।
भारत‑अमेरिका के बीच मार्को रुबियो से उनकी द्विपक्षीय वार्ता में वीजा, रक्षा, व्यापार, निवेश और रोजगार जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
जयशंकर के बयान का वैश्विक प्रभाव
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कड़े शब्दों में आतंकवाद के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता’ की मांग, जहां अपराधियों और पीड़ितों को समतल नहीं माना जा सकता — "India has every right to defend its people…"
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संयुक्त बयान के माध्यम से क्वाड ने दिखाया कि क्षेत्रीय सुरक्षा में भारत की चिंताएं समझी और साझा की जा रही हैं।
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रक्षा‑सहयोग, लॉजिस्टिक्स, समुद्री सुरक्षा जैसे मौजूदा विषयों के अलावा खनिज आपूर्ति-शृंखला और आईटी एवं इंटरनेट बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी गहरी हुई।