नेपाल में किस धर्म का अधिक बोलबाला, हिंदू और मुस्लिमों की क्या है स्थिति, जानें

Edited By Updated: 09 Sep, 2025 04:16 PM

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नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है, जिससे प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा। 2021 की जनगणना के अनुसार, नेपाल की करीब 81.19% आबादी हिंदू और 5.09% मुस्लिम हैं। मुस्लिम समुदाय मुख्य रूप से तराई क्षेत्र में बसे हैं। बौद्ध धर्म दूसरी बड़ी...

नेशनल डेस्क : नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। राजधानी काठमांडू में युवा पीढ़ी, खासकर Gen-Z के लोग सड़क पर उतर कर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद भवन पर हुए हालिया हमले के बाद आक्रोशित युवाओं ने प्रधानमंत्री केपी ओली के आवास पर भी हमला किया, जिससे ओली को इस्तीफा देना पड़ा। अफवाहें हैं कि वे देश छोड़ने की योजना बना सकते हैं। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच नेपाल की सामाजिक और धार्मिक संरचना भी चर्चा का केंद्र बनी हुई है।

नेपाल में हिंदू और मुस्लिमों की जनसंख्या
नेपाल की 2021 की जनगणना के अनुसार देश की कुल आबादी लगभग 2.97 करोड़ है। इसमें से 81.19 प्रतिशत यानी करीब 2 करोड़ 36 लाख लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं। एक समय नेपाल दुनिया का एकमात्र हिंदू राष्ट्र था, लेकिन अब यह धर्मनिरपेक्ष देश बन चुका है। हालांकि, पिछले दस वर्षों में हिंदू आबादी में हल्की गिरावट देखी गई है।

मुस्लिम आबादी नेपाल में तीसरे सबसे बड़े धार्मिक समुदाय के रूप में उभरी है। 2021 की जनगणना में यह संख्या 5.09 प्रतिशत दर्ज की गई, जो करीब 14 लाख 83 हजार लोगों के बराबर है। यह प्रतिशत 2011 में 4.4 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 5.09 प्रतिशत हो गया है। नेपाल के अधिकांश मुस्लिम सुन्नी हैं और वे मुख्य रूप से तराई क्षेत्र में बसे हुए हैं, जो भारत की सीमा के पास स्थित है। यहां मुस्लिमों की 95 प्रतिशत आबादी रहती है।

नेपाल में अन्य धर्मों की स्थिति
नेपाल में बौद्ध धर्म दूसरी सबसे बड़ी धार्मिक संख्या है। बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या कुल आबादी का 8.2 प्रतिशत है, जो करीब 23 लाख 94 हजार लोगों के बराबर है। हालांकि, बौद्ध आबादी में पिछले कुछ वर्षों में 0.79 प्रतिशत की कमी आई है। नेपाल के आदिवासी समुदायों में प्रचलित किरात धर्म की हिस्सेदारी लगभग 3 प्रतिशत से कम है, जिसमें पिछले वर्षों में 0.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या नेपाल में अभी भी कम है, लेकिन पिछले दशक में इसमें 0.36 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

धार्मिक विविधता बढ़ रही है
हालांकि नेपाल अब भी हिंदू बहुल देश है, लेकिन हाल के वर्षों में यहां धार्मिक विविधता बढ़ती दिख रही है। राजनीतिक संकट के बीच यह सामाजिक-सांस्कृतिक बदलाव नेपाल की नई तस्वीर पेश करता है, जो आने वाले समय में देश की सामाजिक-राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।

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