Edited By ,Updated: 31 Oct, 2015 08:36 PM

आस्ट्रेलिया में पीठ पर लाल धारी वाली जहरीली मकडिय़ों के हमलों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में प्रति सप्ताह तीन-चार लोग ऐसी मकड़ी के हमले के शिकार हो रहे हैं।
सिडनी: आस्ट्रेलिया में पीठ पर लाल धारी वाली जहरीली मकडिय़ों के हमलों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में प्रति सप्ताह तीन-चार लोग ऐसी मकड़ी के हमले के शिकार हो रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठतम मकड़ी विशेषज्ञों में से एक डॉ. रॉबर्ट रावेन का हालांकि कहना है कि यह एक व्यापक विश्व है, जिसमें इन कीटों का पाया जाना आम बात है।
क्वींसलैंड संग्रहालय से संबद्ध डॉ. रॉबर्ट रावेन ने कहा कि उन्होंने पीठ पर लाल धारी वाली मकडिय़ों की संख्या में इस तरह की वृद्धि लगभग एक दशक पहले भी देखी थी। लेकिन लंबे समय तक रहे सूखे के कारण इनकी संख्या में गिरावट आई। अब बारिश और बाढ़ तथा वनस्पतियों के उगने के कारण ये कीड़े फिर से पैदा हो गए हैं।
रावेन ने कहा, ‘‘इन मकडिय़ों की संख्या में वृद्धि की वजह यह है बारिश के कारण इनके आहार यानी कीड़ों की संख्या बढ़ गई है, और इन कीड़ों का भोजन वनस्पतियां भी बारिश के कारण उग आई हैं।’’ लाल पीठ वाली मकडिय़ों का नाम उनकी पीठ पर दिखने वाली विशेष लाल धारी के कारण पड़ा है। ये आस्टे्रलिया में पाई जाने वाली आम मकडिय़ां हैं, जिनके काटने के कारण मौत भी हो जाती है।
रावेन के लिए सर्वाधिक ङ्क्षचता की बात यह है कि इन मकडिय़ों ने खुद को आस्ट्रेलिया के वातावरण के अनुकूल बना लिया है। ये मकडिय़ां गर्म और सूखी आबो-हवा को वरीयता देती हैं। लेकिन ये एशिया और यूरोप तक भी चली जाती हैं। लाल पीठ वाली मकडिय़ां सबसे पहले वर्ष 1995 में जापान के ओसाका में पाई गई थीं।