Edited By Tanuja,Updated: 28 Sep, 2025 12:33 PM

पाकिस्तान सरकार ने 40 साल पुराने अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का फैसला किया है। खैबर पख्तूनख्वा में पाँच शिविर बंद किए जाएंगे, जिनमें हरिपुर, चित्राल और अपर दीर शामिल हैं। सुरक्षा कारणों और आतंकवाद को आधार बनाकर अक्टूबर 2023 से बिना दस्तावेज़...
International Desk: पाकिस्तान सरकार ने 40 वर्षों से सक्रिय अफगान शरणार्थी शिविरों को बंद करने का बड़ा फैसला लिया है। खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में ऐसे पाँच प्रमुख शिविरों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इन शिविरों में हरिपुर जिले के तीन, चित्राल का एक और अपर दीर का एक शिविर शामिल हैं। अकेले हरिपुर के पनियन शिविर में 1,00,000 से अधिक शरणार्थी रह रहे थे।
सरकार ने इस कदम का कारण आतंकवाद और बढ़ते अपराध को बताया है। अक्टूबर 2023 से बिना दस्तावेज़ वाले अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में कहा कि अफगान शरणार्थी बलूचिस्तान और केपी में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हो सकते हैं। वहीं, पाक उच्च न्यायालय ने उन 40 अफगान नागरिकों के निर्वासन पर अस्थायी रोक लगा दी है, जो पाकिस्तानी महिलाओं से शादीशुदा हैं।
कोर्ट ने कहा कि यह रोक तब तक रहेगी जब तक देश का शीर्ष पंजीकरण निकाय उनके नागरिकता आवेदन पर फैसला नहीं करता। इस निर्णय से पाकिस्तान में शरणार्थियों की सुरक्षा, रोजगार और सामाजिक संरचना पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने शरणार्थियों के लौटने की प्रक्रिया को कदम-दर-कदम मॉनिटर करने का आदेश दिया है।