Edited By Tanuja,Updated: 16 Sep, 2025 05:01 PM

रूस ने बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान अपनी पारंपरिक और परमाणु सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे पूर्वी यूरोप में नाटो के साथ तनाव और गहरा हो गया...
International Desk: रूस ने बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के दौरान अपनी पारंपरिक और परमाणु सैन्य क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे पूर्वी यूरोप में नाटो के साथ तनाव और गहरा हो गया। हाल के सप्ताहों में कई घटनाओं ने क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। इनमें पोलैंड में रूसी ड्रोन के प्रवेश को वहां के अधिकारियों ने “जानबूझकर किया गया उकसावा” करार दिया है। इसके जवाब में नाटो ने अपने पूर्वी हिस्से में वायु रक्षा तंत्र को मजबूत किया है।
रूस और बेलारूस के बीच लंबे समय से नियोजित इस संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘‘जापाद 2025'' में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बमवर्षकों, युद्धपोतों, हजारों सैनिकों और सैकड़ों युद्ध वाहनों ने भाग लिया। इस अभ्यास में दुश्मन के हमले की स्थिति में संयुक्त जवाबी कार्रवाई की तैयारी की गई, जिसमें परमाणु हथियारों के उपयोग की योजना और रूस की नई ‘‘ओरेशनिक'' इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल भी शामिल है। नाटो महासचिव मार्क रुटे ने मास्को की हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं का उल्लेख करते हुए कहा “अब यह मान लेना सही नहीं होगा कि स्पेन या ब्रिटेन, एस्तोनिया या लिथुआनिया की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं।”
उन्होंने ब्रसेल्स में कहा, “आइए, यह स्वीकार करें कि 32 देशों वाले इस गठबंधन में हम सभी पूर्वी सीमा पर ही रहें।” फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस का हमला बेलारूस के साथ सैन्य अभ्यास के कुछ ही दिन बाद हुआ था। इस बार भी अभ्यास की प्रकृति और समय ने पोलैंड, लातविया और लिथुआनिया जैसे नाटो सदस्यों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो बेलारूस की पश्चिमी सीमा से लगे हैं।