नए आपराधिक न्याय कानूनों को लागू करना 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार: शाह

Edited By Updated: 13 Oct, 2025 03:37 PM

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार (रिफॉर्म) बताते हुए सोमवार को कहा कि इससे लोगों को समय पर, सुलभ तरीके से और सरलता से न्याय मिलेगा।

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन को 21वीं सदी का सबसे बड़ा सुधार (रिफॉर्म) बताते हुए सोमवार को कहा कि इससे लोगों को समय पर, सुलभ तरीके से और सरलता से न्याय मिलेगा। यहां नए कानूनों पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि इनके संपूर्ण कार्यान्वयन के बाद देश की आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली बन जाएगी। शाह ने कहा,‘‘मैं विश्वास के साथ कह रहा हूं कि इक्कीसवीं शताब्दी का सबसे बड़ा ‘रिफॉर्म' हमारे तीन आपराधिक न्याय कानूनों को आगे लागू करना है। इसके संपूर्ण क्रियान्वयन के बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली बन जाएगी, इसका मुझे पूरा विश्वास है।'' पुरानी व्यवस्था के तहत न्याय में होने वाली देरी पर शाह ने कहा कि कुछ मामले बिना सजा के 25 से 30-30 साल तक चलते रहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को समय पर न्याय नहीं मिलता था। अब इससे मुक्ति मिल जाएगी।''

नए कानूनों के तहत प्रकियाओं को समयबद्ध किए जाने का उल्लेख करते हुए, शाह ने कहा कि जब हमने समयसीमाएं तय कीं तब सबके मन में संशय था कि क्या ऐसा हो पायेगा? लेकिन सिर्फ एक साल हुआ है, देश में पचास प्रतिशत से ज्यादा आरोप पत्र समय पर होने लगे हैं। उन्होंने कहा,‘‘मुझे पूरा विश्वास है एक और साल में ये नब्बे प्रतिशत तक पहुंच जायेंगे।'' गृह मंत्री ने यह भी बताया कि भारत सरकार ने नयी प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए लाखों पुलिसकर्मियों, हजारों न्यायिक अधिकारियों और फोरेंसिक प्रयोगशालाओं व जेल कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। शाह ने कहा कि इन सुधारों से अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की जरूरत कम हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘आरोपियों को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाएगा, जबकि पुलिस अधिकारी, बैंक कर्मचारी, डॉक्टर और फोरेंसिक विशेषज्ञ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो सकेंगे। इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी।'' उन्होंने कहा कि इससे विचाराधीन कैदियों के पुलिस हिरासत से भागने की संभावना भी कम हो जाएगी। शाह ने कहा कि देश में लागू तीन नए आपराधिक कानून लोगों को समय पर, सुलभ तरीके से और सरलता से न्याय देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘पूरे देश में किसी के भी साथ अन्याय होता है तो वो अदालत में जाना पसंद नहीं करता। हमारी न्यायिक व्यवस्था की छवि न्याय समय पर ना मिले, ऐसी बनी है। मैं विश्वास के साथ बताने आया हूं आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून आपको समय पर, सुलभ तरीके से, सरलता से न्याय देने का काम करेंगे।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ईज ऑफ लिविंग' के लिए ढेर सारे परिवर्तन किए लेकिन इन कानूनों के अमल के साथ ‘ईज ऑफ जस्टिस' के लिए भी बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। उन्होंने कहा, ‘‘इन कानूनों के माध्यम से हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दंड की जगह न्याय से प्रेरित होकर काम करेगी।''

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शाह ने कहा कि पूरे देश में इसका सटीक क्रियान्वयन हो चुका है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के माध्यम से सभी राज्यों को सहायता करने के लिए मार्गदर्शन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि तीन नए कानून - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) - तीन साल की व्यापक प्रक्रिया के बाद तैयार किए गए थे। नए कानून पिछले साल एक जुलाई को देश भर में लागू किए गए थे। प्रमुख प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा कि नए कानून ‘ई-एफआईआर' और ‘जीरो एफआईआर' जैसी प्रणालियां पेश करते हैं, जिसका उद्देश्य शिकायत दर्ज करने के शुरुआती चरणों को सरल बनाना है। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में पहले दोषसिद्धि दर 42 प्रतिशत थी। इन कानूनों के लागू होने के बाद यह बढ़कर 60 प्रतिशत हो गई है। मेरा मानना है कि कार्यान्वयन पूरा होने के बाद यह बढ़कर 90 प्रतिशत हो जाएगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘अब प्रक्रियाएं समयबद्ध होंगी, जिससे जल्द सुनवाई और त्वरित न्याय सुनिश्चित होगा।'' कार्यक्रम में राज्य की विभिन्न विकास परियोजनाओं का डिजिटल माध्यम से भूमिपूजन भी हुआ।

शाह ने कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान' कार्यक्रम के दौरान कुल 35 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे जिनमें से चार लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं का कार्यान्वयन हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार जो कहती है, उसे पूरा करती है। इससे पहले शाह ने जेईसीसी सीतापुरा में नए आपराधिक कानूनों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और राजस्थान उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव कुमार शर्मा उपस्थित रहे। प्रदर्शनी में ‘लाइव डेमो' के माध्यम से आगंतुकों को नए कानूनों की जानकारी दी गई है।

शाह ने एफएसएल के 56 वाहनों और महिला सुरक्षा पेट्रोलिंग के लिए 100 स्कूटी एवं मोटरसाइकिल को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह प्रदर्शनी देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में दंडात्मक दृष्टिकोण से न्याय और पारदर्शिता पर केंद्रित दृष्टिकोण में बदलाव को दर्शाती है। देश में एक जुलाई 2024 से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस छह दिवसीय राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी 13 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक चलेगी। शाह ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार प्रदर्शनी के दिनों को बढ़ाए ताकि अधिक से अधिक लोग इसे देख सकें। 

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