Edited By Parveen Kumar,Updated: 10 Jul, 2025 07:55 PM

अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत से एक बेहद चौंकाने वाला और दुखद मामला सामने आया है। यहां एक 45 साल के व्यक्ति ने 6 साल की मासूम बच्ची को खरीदकर उससे शादी कर ली। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है और एक बार फिर अफगानिस्तान में बाल विवाह की भयावह...
नेशनल डेस्क: अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत से एक बेहद चौंकाने वाला और दुखद मामला सामने आया है। यहां एक 45 साल के व्यक्ति ने 6 साल की मासूम बच्ची को खरीदकर उससे शादी कर ली। इस घटना ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है और एक बार फिर अफगानिस्तान में बाल विवाह की भयावह सच्चाई को उजागर कर दिया है।
तालिबान भी हैरान, बच्ची को ले जाने से रोका
इस घटना की जानकारी मिलते ही तालिबान प्रशासन हरकत में आया। अमेरिका स्थित अफगान मीडिया आउटलेट Amu.tv की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने बच्ची को तुरंत पति के घर ले जाने से रोक दिया। तालिबान के एक अधिकारी ने कथित तौर पर कहा कि बच्ची को तभी भेजा जा सकता है जब वह कम से कम 9 साल की हो जाए।
पहले से हैं दो पत्नियां, तीसरी बनी मासूम बच्ची
स्थानीय मीडिया हश्त-ए-सुबह डेली की रिपोर्ट के मुताबिक, शादी करने वाले व्यक्ति की पहले से ही दो पत्नियां हैं। उसने इस मासूम बच्ची से शादी करने के लिए उसके परिवार को पैसे दिए थे, यानी यह एक तरह का "खरीद-फरोख्त" का मामला था। फिलहाल, तालिबान ने लड़की के पिता और उस व्यक्ति को हिरासत में लिया है, लेकिन किसी पर भी अब तक औपचारिक रूप से कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
बाल विवाह और जबरन शादियों में बढ़ोतरी
2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से अफगानिस्तान में बाल विवाह और जबरन शादियों के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। महिलाओं पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों ने स्थिति को और बदतर बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र की महिला एजेंसी के अनुसार, पिछले साल बाल विवाह के मामलों में 25% और जन्म दर में 45% की वृद्धि हुई है। यूनिसेफ की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बाल वधुएं अफगानिस्तान में हैं।
गरीबी में डूबे गांवों में बेटियों का सौदा
20 साल के युद्ध और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। देश के कई दूरदराज के इलाकों में लड़कियों को पैसे के बदले बेच दिया जाता है, जिससे परिवार अपनी वित्तीय जरूरतें पूरी कर सकें। एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता महबूब ने The Afghan Times से बातचीत में बताया, “हमारे गांव में कई परिवार हैं जिन्होंने गरीबी के कारण अपनी बेटियों को बेच दिया है। कोई उनकी मदद नहीं करता। लोग बेहद हताश हैं।”