बलूचिस्तान के बाद अब पाकिस्तान के सिंध में उठी आजादी की मांग

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 19 May, 2025 01:29 PM

after balochistan now demand for independence has arisen in sindh of pakistan

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बलूचिस्तान के बाद अब आजादी की मांग उठने लगी है। सिंध में कई राष्ट्रवादी समूहों ने अब अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की बात शुरू कर दी है। सिंधु देश की वकालत करने वाले एक प्रमुख समूह ने हाल ही में बड़े पैमाने पर एक...

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बलूचिस्तान के बाद अब आजादी की मांग उठने लगी है। सिंध में कई राष्ट्रवादी समूहों ने अब अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की बात शुरू कर दी है। सिंधु देश की वकालत करने वाले एक प्रमुख समूह ने हाल ही में बड़े पैमाने पर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें लापता सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग की गई। इस दौरान सिंध और बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया गया।

सिंध प्रांत में बढ़ती आजादी की मांग

सिंध प्रांत में आजादी की मांग अब पहले से कहीं अधिक तेज हो गई है। शुक्रवार को जय सिंध फ्रीडम मूवमेंट (JSFM) ने पाकिस्तान के एक राजमार्ग पर एक बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण धरने का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में लापता और जेलों में बंद सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग की गई। प्रदर्शनकारियों ने सिंध और बलूचिस्तान में होने वाले मानवाधिकार उल्लंघनों को वैश्विक स्तर पर उजागर करने की अपील की।

लापता सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की मांग

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जेएसएफएम के प्रमुख नेताओं जैसे सोहेल अब्रो, जुबैर, और अमर आजादी ने सिंधी राष्ट्रवादियों की रिहाई की जोरदार मांग की। उनके अनुसार, झूठे आरोपों में फंसे राष्ट्रवादियों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि जो लोग जबरन गायब किए गए हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए। संगठन ने एक सामूहिक बयान जारी करते हुए कहा कि यह धरना हमारे राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं की अवैध गिरफ्तारी, जेलों में होने वाली यातनाओं और उन्हें जबरन गायब करने के खिलाफ है। इसके साथ ही, उन्होंने इन कृत्यों को रोकने की चेतावनी दी और कहा कि यदि यह स्थिति बनी रही तो वे जेलों के मुख्य द्वार को बंद कर देंगे।

जेलों में दुर्व्यवहार पर चेतावनी

जेएसएफएम के प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी कि यदि जेलों में बंद राष्ट्रवादियों के साथ दुर्व्यवहार जारी रहा तो वे जेलों के गेट को बंद करने की धमकी देंगे। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है, और वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक उनके लोग आजाद नहीं हो जाते। इसके अलावा, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों जैसे संयुक्त राष्ट्र, एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच से भी हस्तक्षेप करने की अपील की। उनका कहना था कि पाकिस्तान सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सिंध और बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन रुक सके।

सिंध में स्वायत्तता की पुरानी मांग

सिंध में आजादी की मांग कोई नया मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है। सिंधी पहचान और स्वायत्तता की मांग पाकिस्तान बनने के बाद से ही उठती रही है। कई सालों से सिंधी लोग यह महसूस कर रहे हैं कि पाकिस्तान की सरकार उनके सांस्कृतिक अधिकारों और स्थानीय स्वायत्तता को दबाने की कोशिश कर रही है। अमेरिकी विदेश विभाग की 2022 की रिपोर्ट में सिंध में न्यायेतर हत्याओं और क्षत-विक्षत शवों की बरामदगी के मामलों को लेकर गंभीर चिंता जताई गई थी। इसके अलावा, सिंध के राष्ट्रवादी संगठन यह आरोप भी लगाते हैं कि पाकिस्तान की सरकार सिंध की सांस्कृतिक पहचान को समाप्त करने की कोशिश कर रही है।

बलूचिस्तान की आजादी की घोषणा

सिंध में आजादी की मांग बलूचिस्तान में हो रही आजादी की मांग से जुड़ी हुई है। बलूचिस्तान में भी पाकिस्तान से स्वतंत्रता की मांग तेज हो गई है। इस सप्ताह बलूच नेताओं ने पाकिस्तान से अपनी आज़ादी की घोषणा की, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया। इस घोषणा के बाद बलूचिस्तान से संबंधित हैशटैग जैसे #RepublicOfBalochistan ट्रेंड करने लगे।

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