Edited By Mansa Devi,Updated: 15 Nov, 2025 04:21 PM

दिल्ली–NCR में जहरीली हवा का असर अब सिर्फ सांसों तक सीमित नहीं हैं। बल्कि इसका सीधा प्रभाव दिमाग की सेहत पर भी पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के महीन कण (PM2.5 व PM10) शरीर में घुसकर खून के जरिए दिमाग तक पहुंच जाते हैं और वहां सूजन पैदा...
नेशनल डेस्क: दिल्ली–NCR में जहरीली हवा का असर अब सिर्फ सांसों तक सीमित नहीं हैं। बल्कि इसका सीधा प्रभाव दिमाग की सेहत पर भी पड़ रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण के महीन कण (PM2.5 व PM10) शरीर में घुसकर खून के जरिए दिमाग तक पहुंच जाते हैं और वहां सूजन पैदा करते हैं। यह स्थिति याददाश्त पर असर डालती है और कई बार गंभीर मानसिक बीमारियों को जन्म देती है।
डॉक्टरों की चेतावनी: दिमाग में सूजन और सेल्स को नुकसान
विशेषज्ञ बताते हैं कि जहरीली हवा में मौजूद छोटे कण फेफड़ों में पहुंचकर खून में घुल जाते हैं। यह कण दिमाग की नसों को नुकसान पहुंचाते हैं-
➤ सोचने और समझने की क्षमता कम होती है।
➤ याददाश्त कमजोर पड़ती है।
➤ और दिमाग की कोशिकाएं धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती हैं।
➤ बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
दिमाग पर प्रदूषण का प्रभाव कितना गंभीर?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, लंबे समय तक प्रदूषित हवा के संपर्क में रहने से दिमाग में सूजन, नसों की कमजोरी और मानसिक थकान बढ़ने लगती है। कई मामलों में यह स्थिति आगे चलकर अल्ज़ाइमर, डिमेंशिया और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ाती है। इसलिए वायु प्रदूषण को सिर्फ सांस की समस्या मानकर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
दिमाग पर प्रदूषण के असर के आम लक्षण
अगर आप या आपके बच्चे इन संकेतों को महसूस कर रहे हैं, तो प्रदूषण इसका कारण हो सकता है—
➤ बार-बार चीजें भूल जाना
➤ सिर दर्द, भारीपन और लगातार थकान
➤ नींद खराब होना
➤ मानसिक तनाव या चिड़चिड़ापन
➤ बच्चों में पढ़ाई में ध्यान न लगना
➤ कमज़ोरी महसूस होना
➤ न्यूरोलॉजिकल बीमारियों व स्ट्रोक का बढ़ता जोखिम
कैसे बचाएं दिमाग को वायु प्रदूषण से? एक्सपर्ट की सलाह
➤ बाहर जाते समय N95 मास्क पहनें
साधारण मास्क फाइन पार्टिकल्स को नहीं रोक पाते। इसलिए N95 या उससे बेहतर गुणवत्ता का मास्क जरूरी है।
➤ घर में शुद्ध हवा बनाए रखें
एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें
कमरे में पानी का बर्तन रखें ताकि नमी बनी रहे
एयर-प्यूरिफाइंग पौधे जैसे स्नेक प्लांट, एलोवेरा, पीस लिली लगाएं
➤ शरीर को एक्टिव रखें
सुबह–शाम हल्का व्यायाम, योग और प्राणायाम फेफड़ों और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद हैं।
➤ हाइड्रेशन बनाए रखें
हर 1-2 घंटे में पानी पिएं। इससे शरीर में जमा प्रदूषक कण बाहर निकलने में मदद मिलती है।
➤ बाहर से आते ही हाथ–मुँह धोएं
धूल और प्रदूषण से बचने के लिए अच्छी सफाई जरूरी है।