Edited By Mehak,Updated: 03 Nov, 2025 04:52 PM

अगर पानी पीते ही बार-बार पेशाब आने की समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह केवल अधिक पानी पीने या कैफीन सेवन का असर नहीं, बल्कि डायबिटीज, किडनी स्टोन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या ओवरएक्टिव ब्लैडर जैसी बीमारियों का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टर...
नेशनल डेस्क : अगर आपको पानी पीते ही बार-बार पेशाब आने की समस्या रहती है, तो इसे हल्के में न लें। यह केवल हाइड्रेशन का संकेत नहीं, बल्कि किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत भी हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर यह परेशानी रोज़ की बन जाए, तो शरीर में किसी असंतुलन या बीमारी की जांच जरूरी है।
1. ज्यादा पानी या कैफीन का सेवन
अगर आप दिनभर में जरूरत से ज्यादा पानी (3 लीटर से अधिक) पीते हैं, तो शरीर अतिरिक्त तरल को बाहर निकालने की कोशिश करता है। यह सामान्य है। लेकिन अगर कम पानी पीने पर भी बार-बार टॉयलेट जाना पड़े, तो यह समस्या का संकेत है।
इसके अलावा, चाय, कॉफी या कोल्ड ड्रिंक में मौजूद कैफीन भी डाइयूरेटिक की तरह काम करती है, जो पेशाब बनने की प्रक्रिया को तेज करती है।
2. ओवरएक्टिव ब्लैडर का लक्षण
कई बार ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या के कारण थोड़ी सी मात्रा में भी पेशाब बनने पर टॉयलेट जाने की इच्छा होती है। यह तब होता है जब ब्लैडर की मांसपेशियां जरूरत से ज्यादा संवेदनशील हो जाती हैं। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लें।
3. डायबिटीज का संकेत
बार-बार पेशाब आना डायबिटीज (मधुमेह) का एक प्रमुख लक्षण है। जब शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है, तो शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालता है। अगर इसके साथ ज्यादा प्यास लगना या थकान महसूस होना भी शामिल है, तो यह डायबिटीज का शुरुआती संकेत हो सकता है।
4. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)
महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) आम है। इसमें ब्लैडर में सूजन या संक्रमण के कारण हल्के दबाव पर भी पेशाब की इच्छा होती है। अगर पेशाब में जलन, दर्द या बदबू हो, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।
5. किडनी स्टोन का खतरा
किडनी में पथरी (स्टोन) होने पर भी बार-बार पेशाब आने लगता है। पेशाब करते समय दर्द, जलन या निचले पेट में असहजता इसके आम लक्षण हैं। अगर पेशाब का रंग गहरा हो या पेशाब के बाद भी राहत न मिले, तो यह पथरी का संकेत हो सकता है।
6. बार-बार पेशाब से राहत कैसे पाएं
- दिन में 1.5 से 2 लीटर पानी पिएं, लेकिन धीरे-धीरे और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में।
- कैफीन, शराब और तीखे भोजन का सेवन कम करें।
- कीगल एक्सरसाइज करें, इससे ब्लैडर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- ब्लैडर ट्रेनिंग अपनाएं — पेशाब की इच्छा होने पर थोड़ा रुकने की कोशिश करें।
- वजन और तनाव नियंत्रित रखें, क्योंकि ये भी ब्लैडर की समस्या बढ़ा सकते हैं।