कृष्णभक्ति का ऐसा रस, ऑस्ट्रेलिया में बसा लिया अद्भुत वृंदावन...PM मोदी ने भी की इस महिला की तारीफ

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Nov, 2021 03:09 PM

amazing vrindavan in australia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वृंदावन के अध्यात्म का अद्भुत रस पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में कृष्णभक्त जगत तारिणी दासी ने एक अद्भुत वृंदावन बसा दिया है।

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वृंदावन के अध्यात्म का अद्भुत रस पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में कृष्णभक्त जगत तारिणी दासी ने एक अद्भुत वृंदावन बसा दिया है। पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में कहा कि वृन्दावन के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान के प्रेम का प्रत्यक्ष स्वरूप है। हमारे संतों ने भी इसके रस पर भावनाएं व्यक्त की हैं। उनका कहना था कि वृंदावन की महिमा, हम सब अपने-अपने सामर्थ्य के हिसाब से कहते जरूर हैं लेकिन वृंदावन का जो सुख है, यहां का जो रस है, उसका अंत, कोई नहीं पा सकता क्योंकि वह असीम है।

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पीएम मोदी नें कहा कि यही वह असीम रस है जिसके कारण वृंदावन दुनियाभर के लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता रहा है और यही वजह है कि इसकी छाप दुनिया के कोने-कोने में देखने को मिलती है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के शहर पर्थ का जिक्र करते हुए कहा कि वह अक्सर क्रिकेट मैच होते रहते हैं इसलिए लोग पर्थ को ज्यादा जानते है लेकिन वहां एक आर्ट गैलरी है जो ऑस्ट्रेलिया निवासी जगत तारिणी दासी के प्रयासों का नतीजा है। जगत तारिणी वैसे तो ऑस्ट्रेलिया में जन्मी, वहीं पढ़ी लिखी और बड़ी हुई लेकिन 13 साल से भी अधिक समय, वृन्दावन में आकर उन्होंने बिताया।

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जगत तारिणी का कहना है कि वे ऑस्ट्रेलिया लौट तो गई लेकिन वृन्दावन को भूल नहीं पाती है इसलिए उन्होंने वृंदावन और उसके आध्यात्मिक भाव से जुडने के लिए ऑस्ट्रेलिया में ही वृन्दावन खड़ा कर दिया। अपनी कला को माध्यम बना कर वहां एक अद्भुत वृन्दावन उन्होंने बना लिया है जहां कई तरह की कलाकृतियां देखने को मिलती है। वृंदावन, नवाद्वीप और जगन्नाथपुरी की परंपरा और संस्कृति की झलक के साथ ही वहां भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी कई कलाकृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इनमें एक कलाकृति ऐसी भी है जिसमें भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा रखा है, जिसके नीचे वृंदावन के लोग आश्रय लिए हुए हैं। जगत तारिणी जी का यह अद्भुत प्रयास वाकई हमें कृष्ण भक्ति की शक्ति का दर्शन कराता है। मैं, उन्हें, इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

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