Edited By Tanuja,Updated: 26 Nov, 2025 06:47 PM

लोवी इंस्टीट्यूट के एशिया पावर इंडेक्स 2025 में चीन, भारत और जापान की ताकत में बड़ी बढ़ोतरी दिखाई दी है, जबकि अमेरिका का प्रभाव ऐतिहासिक रूप से कमजोर हुआ है। भारत को ‘मेजर पावर’ की श्रेणी में रखा गया है। रूस ने भी एशिया में अपनी खोई ताकत वापस पाई है।
International Desk: एशिया पावर इंडेक्स 2025 आ गया है और इस बार एशिया की ताकत का पूरा नक्शा बदलता हुआ नजर आ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के लोवी इंस्टीट्यूट द्वारा जारी इस रिपोर्ट में अमेरिका अभी भी शीर्ष स्थान पर है, लेकिन उसकी शक्ति में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी तरफ चीन, भारत, जापान और रूस का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
भारत की ऐतिहासिक छलांग
पहली बार भारत स्पष्ट रूप से ‘मेजर पावर’ की श्रेणी में पहुंच गया है। रिपोर्ट कहती है कि भारत की सैन्य क्षमता, आर्थिक प्रभाव, कूटनीति सांस्कृतिक पहुंच B शक्ति लगातार बढ़ रही है हालांकि, इंडेक्स के अनुसार भारत की डिप्लोमैटिक और इकोनॉमिक नेटवर्किंग, उसके बढ़ते संसाधनों के मुकाबले अभी भी कम है।

एशिया में चीन की बढ़ी बादशाहत
रिपोर्ट के मुताबिक चीन अमेरिका के बेहद नजदीक पहुंच गया है और उसकी पावर का गैप 2020 के बाद से सबसे कम है। चीन एशिया के आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक क्षेत्र में पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है।
जापान की नई मजबूती और रूस की वापसी
जापान ने भी इस बार शानदार प्रदर्शन किया है और शक्ति सूचकांक में चौथे स्थान पर है। उसकी आर्थिक मजबूती और स्थिर कूटनीति उसे शीर्ष देशों में बनाए रखती है।यूक्रेन युद्ध के बाद G7 प्रतिबंधों के बावजूद रूस एशिया में अपनी ताकत बढ़ाने में सफल रहा है।चीन और नॉर्थ कोरिया से बढ़ती साझेदारी ने उसे नई ऊर्जा दी है।रूस ने फिर से ऑस्ट्रेलिया को पछाड़कर एशिया की 5वीं सबसे मजबूत शक्ति का स्थान हासिल किया है।
अमेरिका की गिरावट का कारण
अमेरिका अभी भी नंबर 1 है, लेकिन उसकी ताकत अपने सबसे निचले स्तर पर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन की नीतियां, एशिया में कमजोर कूटनीति, सुरक्षा सहयोग में कमी, इन सबके चलते एशिया में उसकी पकड़ ढीली पड़ी है।