Edited By Vatika,Updated: 25 Jul, 2018 10:06 AM
कनाडियन इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के 2 विधायकों कुलतार सिंह संधवा व अमरजीत सिंह संदोआ को कनाडा एयरपोर्ट से ही वापस भेजने के मामले में देश भर के सियासतदानों की दुनिया भर में किरकिरी हुई है। देश ही नहीं विदेश का भी मीडिया भारतीय...
जालंधर/ नर्इ दिल्ली: कनाडियन इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के 2 विधायकों कुलतार सिंह संधवा व अमरजीत सिंह संदोआ को कनाडा एयरपोर्ट से ही वापस भेजने के मामले में देश भर के सियासतदानों की दुनिया भर में किरकिरी हुई है। देश ही नहीं विदेश का भी मीडिया भारतीय नेताओं की सार्थकता पर सवाल करता दिखाई दे रहा है।
इससे यह भी साफ है कि जिस प्रकार भारत में हर अपराध को सियासी दबाव में दबाने की कोशिश होती रहती है और कानून किताबों से निकल कर जमीनी रूप में लागू ही नहीं हो पा रहे।सियासी जानकारों की मानेंतो कनाडा अपने देश में किसी अन्य देश की सियासत को पैर पसारने नहीं देना चाहता और कनाडा में बाहरी देशों कीराजनीतिक सरगर्मियों को रोकने के प्रति सख्त दिखाई दे रहा है। यही कारण है कि कनाडियन अम्बैसी ने आप के इन दोनों विधायकों को न सिर्फकनाडा में एंट्री ही करने दी बल्कि उन्हें यह भी कहा कि अगर अगली बार आना हो तो अपने साथ अपना सारा कनाडा का प्रोग्राम लेकर आएं।
ऐसे में सवाल उठता है कि अब अगर कोई बड़ा चेहरा भी विदेशी दौरे पर जाता है तो उसे यह बताना होगा कि यह सियासी है निजी। इस मामले के बाद एयरपोर्ट पर भी नेताओं को जांच के नाम पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री पंजाब कै. अमरेद्र सिंह पर भी 2016 में कनाडा सरकार ने अपने देश में सियासी रैलियां न करने का आदेश देकर पाबंदी लगा दी थी जिसके बाद कैप्टन को अमरीका से कनाडा जाने की योजना रद्द करनी पड़ी थी। इससे पहले अमरीका में भारतीय अभिनेता शाहरुख खान की गहन चैकिंग की गई थी। जानकारों की मानें को रैफरैंडम खालिस्तान 2020 के लिए कनाडा और ब्रिटेन में बड़े स्तर पर आंदोलन किए जा रहे हैं पर इन पर कोई रोक लगाने के प्रति कनाडा सरकार गंभीर नहीं है। इसके समान ही कनाडा में कश्मीर की आजादी के नाम पर फंड इकट्ठा किया जाना जारी है।