Edited By Yaspal,Updated: 29 Jun, 2021 10:35 PM
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजधानी में ''एक देश एक राशन कार्ड'' (ओएनओआरसी) योजना को लागू करने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच वाकयुद्ध हुआ। केंद्र ने दिल्ली सरकार पर इस योजना को पूरी तरह लागू नहीं...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राजधानी में 'एक देश एक राशन कार्ड' (ओएनओआरसी) योजना को लागू करने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच वाकयुद्ध हुआ। केंद्र ने दिल्ली सरकार पर इस योजना को पूरी तरह लागू नहीं करने का आरोप लगाया, जिसके तहत गरीब प्रवासी मजदूर एवं उनका परिवार देशभर में कहीं भी राशन कार्ड का उपयोग कर सकता है।
वहीं, दिल्ली सरकार ने दलील दी कि उसने ओएनओआरसी योजना को लागू कर दिया है जबकि केंद्र की ओर से पेश सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी प्रशासन ने इसे पूरी तरह लागू नहीं किया है। केंद्र ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस योजना को ''केवल एक क्षेत्र में लागू किया है जोकि सीमापुरी का क्षेत्र संख्या 63 है और इसमें भी इस योजना के अंतर्गत कुछ ही लेन-देन हुआ है।''
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह ने अपने 80 पन्नों के फैसले में केंद्र सरकार की उस दलील का संज्ञान लिया कि छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असम और दिल्ली ने ओएनओआरसी योजना को लागू नहीं किया है। फैसले में कहा गया, '' हमारा विचार है कि जिन राज्यों ने ओएनओआरसी योजना को लागू नहीं किया है, उन्हें इसे लागू करना चाहिए। हम उन राज्यों को इसे 31/07/2021 तक लागू करने का निर्देश देते हैं जिन्होंने इसे लागू नहीं किया है।''
फैसले में कहा गया कि प्रवासी श्रमिकों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने के लिए ओएनओआरसी योजना बेहद अहम कदम है जोकि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना के अतंर्गत आता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब प्रवासी श्रमिक पूरे देश में फैले हुए हैं तो हर राज्य को इस योजना को लागू करना होगा। इस योजना को लागू करना राज्यों का कर्तव्य है।