'नए भारत को मदरसों की ज़रूरत नहीं', मुख्यमंत्री सरमा बोले- असम के सभी मदरसे जल्द बंद होंगे

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Mar, 2023 02:48 PM

chief minister sarma said all the madrassas of assam will be closed soon

असम में मदरसों को लेकर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि वह अपने राज्य में सभी मदरसों को बंद करने का प्लान बना रहे हैं।

नेशनल डेस्क: असम में मदरसों को लेकर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका इरादा अपने राज्य के सभी मदरसों को बंद करने का है, क्योंकि ''नए भारत'' में उनकी जरूरत नहीं है। कर्नाटक के बेलगावी में बृहस्पतिवार रात एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि राज्य व देश की सेवा के लिए असम को डॉक्टरों, इंजीनियरों और अन्य पेशेवरों को तैयार करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की जरूरत थी, न कि मदरसों की।

मैंने 600 बंद कर दिए हैं
हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, ‘‘मैं असम का निवासी हूं, जहां प्रतिदिन बांग्लादेश से लोग आते हैं। हमारी संस्कृति और परंपराओं के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है। हाल ही में दिल्ली में एक टीवी साक्षात्कार में मुझसे पूछा गया कि 600 मदरसों को बंद करने को लेकर मेरी सोच क्या थी। मैंने कहा कि मैंने 600 बंद कर दिए हैं, लेकिन मेरा इरादा सभी मदरसों को बंद करने का है। '' असम के मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और वामपंथियों पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस को "नए मुगल" भी करार दिया है।

मदरसों की जरूरत नहीं
हेमंत विश्व शर्मा ने कहा, ‘‘इस 'नए भारत' में मदरसों की जरूरत नहीं है। हमें इस दिशा में आगे बढ़ना है, हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को बदलना है। समय आ गया है कि हम अपने इतिहास को नए तरीके से फिर से लिखें क्योंकि इसे पहले तोड़ा-मरोड़ा गया था। '' असम के मुख्यमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर आधारित एक 'लाइट एंड साउंड शो' का उद्घाटन करने के बाद यहां एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्थानीय विधायक अभय पाटिल ने छह साल पहले लाइट एंड साउंड शो की योजना बनाई थी, लेकिन कांग्रेस ने इसके लिए कोई मदद नहीं की।

उन्होंने कहा, ‘‘तब कांग्रेस सरकार ने कोई मदद नहीं की थी। कांग्रेस क्यों मदद करेगी? कांग्रेस कभी मदद नहीं करेगी। कांग्रेस बाबर के बारे में सोचेगी, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में नहीं। इस लाइट एंड साउंड शो से भाजपा विधायक ने यह सुनिश्चित किया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों का इस देश में पालन किया जाएगा और भविष्य में भी सनातन (धर्म) का पालन किया जाएगा, और सनातन आदर्शों को इस देश में मजबूत किया जाएगा।'' यह रेखांकित करते हुए कि इस देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो गर्व से यह दावा करते हैं कि वे मुस्लिम हैं या ईसाई हैं असम के मुख्यमंत्री ने कहा '' मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन, हम चाहते हैं कि लोग गर्व से कहें, 'मैं एक हिंदू हूं'। ''

शिवाजी के योगदान को याद किया
इसके बाद शर्मा ने सनातन धर्म और इसकी परंपराओं की रक्षा को लेकर शिवाजी के योगदान को याद करते हुए 17वीं शताब्दी के मुगल शासक औरंगजेब के हिंदू धर्म को नष्ट करने के कथित प्रयास को लेकर निराधार टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत आज तक सनातनी और हिन्दू है और जब तक सूर्य और चन्द्रमा रहेंगे तब तक भारत अपनी परम्पराओं के आधार पर आगे बढ़ेगा। '' शर्मा ने यह भी दावा किया कि यह साम्यवादी इतिहासकार थे जिन्होंने यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब ने "संपूर्ण" भारत पर नियंत्रण कर शासन किया, जबकि पूरे दक्षिण भारत और असम से लेकर उत्तर-पूर्व तक का क्षेत्र कभी भी उसके राज्य का हिस्सा नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें उस इतिहास को नए सिरे से लिखना होगा। हमें बताना पड़ेगा कि शिवाजी महाराज औरंगजेब से भी अधिक शक्तिशाली थे। ऐसा इतिहास भारतीयों को लिखना है। '' हिमंत विश्व शर्मा ने जोर देकर कहा कि भारत का इतिहास केवल शिवाजी, दुर्गादास राठौर और गुरु गोबिंद सिंह का है और दावा किया कि "कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने बाबर, शाहजहां और औरंगज़ेब के इतिहास को भारत का इतिहास बना दिया है।" अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और काशी, उज्जैन और कामाख्या में गलियारों के निर्माण के बारे में बोलते हुए, शर्मा ने दावा किया कि ''दिल्ली के बादशाहों ने मंदिरों को नष्ट करने के बारे में बात की और काम किया ''।

मोदी के समय में मंदिरों का निर्माण हो रहा
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में मंदिरों का निर्माण हो रहा है। यह नया भारत है। '' असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की तुलना मुगल शासकों से करते हुए कहा, ‘‘ पहले मुगलों ने भारत को कमजोर करने की कोशिश की और अब कांग्रेस कर रही है। कांग्रेस के लोग आज के नए मुगल हैं। उन्हें राम मंदिर से आपत्ति है। क्या आप (कांग्रेस) मुगलों की संतान हैं? आप बाबरी मस्जिद के पक्ष में क्यों बोलते हैं, राम मंदिर के लिए नहीं? वे नए मुगलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। '' भा

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