चीन ने 10 साल में बनाए 37 परमाणु रिएक्टर, भारत-अमेरिका 2 बनाने में रहे कामयाब

Edited By Updated: 07 Dec, 2023 11:08 AM

china built 37 nuclear reactors in 10 years india america succeeded in 2

कोयले से चलने वाले बिजली घरों को बंद करने और आइल व गैस के आयात को कम करने के लिए चीन पवन और सौर ऊर्जा के विकास के लिए भारी पैसा खर्च कर रहा है। इसी के साथ चीन का सबसे ज्यादा फोकस परमाणु ऊर्जा पर भी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल एटोमिक...

इंटरनेशनल डेस्क. कोयले से चलने वाले बिजली घरों को बंद करने और आइल व गैस के आयात को कम करने के लिए चीन पवन और सौर ऊर्जा के विकास के लिए भारी पैसा खर्च कर रहा है। इसी के साथ चीन का सबसे ज्यादा फोकस परमाणु ऊर्जा पर भी है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पिछले एक दशक में चीन ने 37 नए परमाणु रिएक्टर बनाए हैं। अब चीन के परमाणु रिएक्टरों की संख्या 55 हो गई है।

PunjabKesari
वहीं अमेरिका ने पिछले 10 साल में सिर्फ 2 नए परमाणु रिएक्टर ही बनाए हैं। उसके पास दुनिया में सर्वाधित 92 रिएक्टर हैं। भारत में फिलहाल 22 परमाणु संयंत्र है। इनमें से 2 ही पिछले 10 साल में बने हैं। चीन हर साल नए 8 परमाणु रिएक्टर बनाने की तैयारी में है। चीन की परमाणु नियामक संस्था का कहना है कि हम हर साल 8 से 10 नए रिएक्टर स्थापित कर सकते हैं।


दुनिया में सबसे ज्यादा 22 रिएक्टर चीन में बन रहे

PunjabKesari
सुरक्षा कारणों के चलते दुनिया के कई देशों में परमाणु रिएक्टरों का विरोध शुरू हो गया है। चीन की स्टेट काउंसिल (चीनी कैबिनेट) ने 2022 में 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना की मंजूरी दी है। फिलहाल चीन में 22 परमाणु रिएक्टरों का निर्माण कार्य चल रहा है, जो दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा है।


चीन में सस्ते लोन-आसान लाइसेंस के चलते रिएक्टर बनाना बेहद आसान

PunjabKesari
पश्चिमी देशों में नए रिएक्टर बनाना आसान नहीं है। चीन में रिएक्टर बनाना बेहद आसान है। वहां सरकारी कंपनियां ही परमाणु रिएक्टर बनाती हैं। चीन में सस्ते लोन के अलावा भूमि-लाइसेंस में कोई अड़चनें नहीं आती हैं। चीन में परमाणु संयंत्रों से बनी बिजली को सप्लाई करने वाली कंपनियों को सरकार सब्सिडी (फीड इन टैरिफ) भी देती है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी का कहना है कि इन सभी कारणों से परमाणु ऊर्जा की लागत लगभग 5,836 रुपए प्रति मेगावाट घंटे तक कम हो गई है। वहीं अमेरिका में यह 8,754 रुपए और यूरोपीय संघ में 13,339 रुपए है।


परमाणु ऊर्जा को लेकर चीन का दोहरा रवैया


एक तरफ चीन अपने यहां नए रिएक्टर लगा रहा है लेकिन वह दूसरे देशों का विरोध करता है। हाल में जापान ने जब 2011 के भूकंप में क्षतिग्रस्त फुकुशिमा रिएक्टर के ट्रीटेड कुलिंग वाटर को समुद्र में छोड़ा था तो चीन ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया और जापान के सी-फूड प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया था।


पाकिस्तान-अर्जेंटीना में रिएक्टर लगाएगा चीन


चीन आज भी यूरेनियम के लिए अन्य देशों पर निर्भर हैं। लेकिन हाउलोंग-1 रिएक्टर पूर्ण रूप से चीनी डिजाइन पर आधारित है। अमेरिकी सरकार के द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के बावजूद अब चीन अपने डिजाइन से बने रिएक्टरों को विदेशों में बेच रहा है। पाकिस्तान और अर्जेंटीना के साथ डील हो चुकी है।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!