Edited By Mansa Devi,Updated: 07 Nov, 2025 04:05 PM

दिल्ली में महिलाओं और बच्चियों के लापता होने की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। राजधानी में इस साल 1 जनवरी से 15 अक्टूबर तक कुल 19,682 लोग लापता हुए हैं, जिनमें 11,917 महिलाएं और बच्चियां (61%) शामिल हैं। इसका मतलब है कि राजधानी से औसतन हर दिन...
नेशनल डेस्क: दिल्ली में महिलाओं और बच्चियों के लापता होने की घटनाएं चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। राजधानी में इस साल 1 जनवरी से 15 अक्टूबर तक कुल 19,682 लोग लापता हुए हैं, जिनमें 11,917 महिलाएं और बच्चियां (61%) शामिल हैं। इसका मतलब है कि राजधानी से औसतन हर दिन 41 महिलाएं और बच्चियां गायब हो रही हैं। पुरुषों की संख्या 7,765 (39%) है। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि कुल लापता व्यक्तियों में से अब तक 10,780 (55%) लोग खोज लिए गए हैं। इनमें 6,541 महिलाएं और बच्चियां (61%) तथा 4,239 पुरुष (39%) शामिल हैं। लापता लोगों में 4,854 बच्चे (25%) और 14,828 वयस्क (75%) दर्ज किए गए हैं।
पिछले 10 वर्षों का ट्रेंड:
2015 से 2025 के बीच दिल्ली में कुल 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 1,42,037 महिलाएं और 1,09,737 पुरुष शामिल थे। आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं का लापता होना लगातार पुरुषों की तुलना में अधिक रहा है।
किशोरियां सबसे अधिक जोखिम में
लापता बच्चों में 72% बच्चियां और 28% लड़के हैं। सबसे अधिक प्रभावित आयु वर्ग 12 से 18 वर्ष के किशोर हैं। इस समूह में कुल 4,167 बच्चे लापता हुए, जिनमें 3,258 (78%) बच्चियां और 909 (22%) लड़के शामिल हैं। पुलिस ने अब तक 68% बच्चियों (2,231) और 72% लड़कों (653) को बरामद किया है।
कम उम्र के बच्चों के लापता होने के मामले
➤ 0–8 वर्ष: इस आयु वर्ग में 304 बच्चे लापता हुए, जिनमें 124 (41%) बच्चियां और 180 (59%) लड़के थे। पुलिस ने क्रमशः 60% बच्चियों और 51% लड़कों को खोजा।
➤ 8–12 वर्ष: इस उम्र में 383 बच्चे लापता हुए, जिनमें 33% बच्चियां और 67% लड़के थे। पुलिस ने लगभग 74% बच्चों को बरामद किया।
विशेषज्ञों की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरियों को सुरक्षा के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। परिवार और स्कूलों को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए और पुलिस को तुरंत सूचना देनी चाहिए। पुलिस ने यह भी कहा कि लापता होने वाले मामलों की पहचान और समय पर कार्रवाई से लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है।