Sunlight In Night: अंधेरा अब कभी नहीं होगा! रात में भी चमकेगा सूरज, जानें क्या है प्लान?

Edited By Updated: 13 Oct, 2025 08:51 AM

daylight at night  learn about this company s magical plan

रात के अंधेरे में भी आपकी छत पर दिन जैसी रोशनी हो और सोलर पैनल बिना रुके बिजली बनाते रहें यह सपना अब हकीकत में बदलने वाला है। अमेरिका की एक महत्वाकांक्षी स्टार्टअप कंपनी रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल (Reflect Orbital) ने एक अनूठा सैटेलाइट सिस्टम बनाने की योजना...

नेशनल डेस्क। रात के अंधेरे में भी आपकी छत पर दिन जैसी रोशनी हो और सोलर पैनल बिना रुके बिजली बनाते रहें यह सपना अब हकीकत में बदलने वाला है। अमेरिका की एक महत्वाकांक्षी स्टार्टअप कंपनी रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल (Reflect Orbital) ने एक अनूठा सैटेलाइट सिस्टम बनाने की योजना बनाई है जो सीधे अंतरिक्ष से धरती पर सूरज की रोशनी भेजेगा। कंपनी इसे 'सनलाइट ऑन डिमांड सिस्टम' कहती है और इसका मुख्य उद्देश्य सोलर फार्म्स को रात में भी बिजली उत्पादन के लिए सक्रिय रखना है।

कैसे काम करेगा यह सिस्टम?

यह सिस्टम सरल भौतिकी पर आधारित है जैसा आप शीशे या घड़ी से रोशनी को दीवार पर फोकस करते हैं।सैटेलाइट में लगे विशाल दर्पण (Mirrors) सूरज की रोशनी को कैप्चर करेंगे और उसे पृथ्वी पर किसी एक बिंदु पर फोकस करेंगे। यह कार्य 625 किलोमीटर की ऊंचाई से किया जाएगा। कंपनी का दावा है कि रोशनी की तीव्रता सिर्फ दोपहर की धूप का लगभग 20 प्रतिशत होगी। यह अंधेरा पूरी तरह खत्म नहीं करेगी बल्कि इतनी होगी कि सोलर पैनल रात में भी सक्रिय (Active) रह सकें। यह सामान्य चांदनी से अधिक चमकदार होगी। वैज्ञानिक गणना के अनुसार इतनी दूरी पर रोशनी का बंडल लगभग 7 किलोमीटर चौड़ा होगा जिसका अर्थ है कि रोशनी तेज नहीं बल्कि फैली हुई (Diffused) और डिम होगी।

PunjabKesari

बड़े लक्ष्य की ओर पहला कदम

रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल ने अपनी योजना को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है:

पहला सैटेलाइट: कंपनी अगले साल (2026) में 'एरेन्डिल-1 (Earendil-1)' नामक 18 मीटर लंबा एक टेस्ट सैटेलाइट लॉन्च करेगी।

मेगा-नेटवर्क: यह प्रोजेक्ट 2030 तक 4,000 सैटेलाइट्स के एक विशाल नेटवर्क में बदल जाएगा।

दर्पण का आकार: हर सैटेलाइट के पास लगभग 54 मीटर चौड़ा मिरर होगा जो सूरज की रोशनी को पृथ्वी के किसी भी हिस्से पर फोकस कर सकेगा।

PunjabKesari

सामने हैं बड़ी चुनौतियां

हालांकि जमीन पर हुए टेस्ट में यह तकनीक सफल रही है अंतरिक्ष में इसकी व्यावहारिकता पर वैज्ञानिकों ने कुछ चुनौतियां बताई हैं:

टेस्ट की सफलता: पिछले साल कंपनी के फाउंडर बेन नोवैक ने 2.5 मीटर चौड़े मिरर को हॉट एयर बैलून पर लगाकर टेस्ट किया था जिसमें दोपहर के सूरज की आधी ताकत की रोशनी मापी गई जो तकनीक के काम करने को साबित करती है।

PunjabKesari

अंतरिक्ष की चुनौती: 625 किलोमीटर की ऊंचाई से सिर्फ 20% धूप देने के लिए 54 मीटर चौड़े सैटेलाइट को किसी एक स्थान पर केवल 3.5 मिनट तक ही स्थिर रखा जा सकता है।

हजारों सैटेलाइट की जरूरत: कंपनी का कहना है कि 20% धूप को लगातार बनाए रखने के लिए लगभग 3,000 सैटेलाइट्स की जरूरत होगी और अगर रोशनी एक घंटे तक चाहिए तो हजारों और सैटेलाइट्स लॉन्च करने पड़ेंगे।

यह प्रोजेक्ट अगर सफल होता है तो यह नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!