Edited By Radhika,Updated: 10 Sep, 2025 04:03 PM

केंद्र सरकार ने काफी लंबे समय के बाद GST कटौती का ऐलान किया है। सरकार का यह कदम को भारत की जटिल टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने काफी लंबे समय के बाद GST कटौती का ऐलान किया है। सरकार का यह कदम को भारत की जटिल टैक्स व्यवस्था को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। इसका मकसद घरेलू सामान को सस्ता बनाकर खासकर दिवाली जैसे त्योहारों के मौसम में उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार सही समय पर नहीं आया है और इसके कारण बाजार में कुछ समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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समय से पहले घोषणा से क्या हो सकता है नुकसान?
इस बदलाव की सबसे बड़ी गलती यह है कि नई दरों की घोषणा लागू होने से बहुत पहले कर दी गई है। इसका सीधा असर बाजार के व्यवहार पर पड़ सकता है। दुनिया भर में यह देखा गया है कि जब बड़े टैक्स बदलावों की घोषणा समय से पहले की जाती है, तो इससे बाजार में अस्थिरता आ जाती है। यही कारण है कि बजट दस्तावेजों को हमेशा गुप्त रखा जाता है।

उपभोक्ता: लोग अब सामान सस्ता होने की उम्मीद में अपनी खरीदारी टाल सकते हैं, जिससे बाजार में फिलहाल मंदी आ सकती है।
खुदरा विक्रेता: कम मार्जिन के डर से दुकानदार सामान का स्टॉक कम कर सकते हैं।
आपूर्तिकर्ता: टैक्स कम होने के बाद सस्ते में बेचने से बचने के लिए सामान को रोक सकते हैं, जिससे बाजार में कृत्रिम कमी पैदा हो सकती है।
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दुकानदारों के खाते में जाएगा मुनाफा-
भारत में जहाँ सप्लाई चेन पहले से ही कई तरह की समस्याओं से जूझ रही हैं, यह कदम दिवाली जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले उठाया गया है। यह समय भारत में साल का सबसे बड़ा खरीदारी का सीजन होता है। इस समय बाजार के कुछ दुकानदार अस्थायी जमाखोरी, कृत्रिम कमी और कीमतों में गड़बड़ी करके फायदा उठा सकते हैं। इससे उन्हें टैक्स में बचत का लाभ होने से खुद दुकानदारों को मुनाफा कमाने का मौका मिल जाएगा। वे त्योहारों की बढ़ी हुई मांग का फायदा उठाकर कीमतें ऊँची बनाए रख सकते हैं, जिससे आम लोगों को फायदा नहीं होगा और महंगाई बढ़ सकती है।