Edited By Tanuja,Updated: 12 Nov, 2025 11:27 AM

अमेरिका में 7,200 पंजाबी ट्रक ड्राइवर अंग्रेज़ी दक्षता परीक्षा में फेल होने के बाद “आउट ऑफ सर्विस” घोषित किए गए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जो ड्राइवर अंग्रेज़ी नहीं जानते, उन्हें सड़क पर नहीं चलना चाहिए। ट्रकिंग संगठनों...
Washington:अमेरिका में हजारों पंजाबी मूल के ट्रक ड्राइवरों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रुथ सोशल” पर एक पोस्ट जारी कर उन ड्राइवरों को कड़ा संदेश दिया है जो अंग्रेज़ी परीक्षा में असफल रहे हैं। उन्होंने लिखा, “अगर आप अमेरिकी सड़कों पर भारी वाहन चला रहे हैं, तो आपको अंग्रेज़ी समझनी चाहिए वरना आउट ऑफ सर्विस।”ट्रंप की इस टिप्पणी के बाद भारतीय और पंजाबी ट्रकिंग समुदाय में हड़कंप मच गया है।
हजारों ट्रक ड्राइवर ‘आउट ऑफ सर्विस’
अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन (DOT) ने ट्रक ड्राइवरों के लिए English Language Proficiency (ELP) यानी अंग्रेज़ी दक्षता नियमों को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक 7,200 से अधिक पंजाबी और भारतीय मूल के व्यावसायिक ट्रक ड्राइवर फेल हो गए हैं और उन्हें “Out of Service” घोषित कर दिया गया है। इन ड्राइवरों को सड़क पर भारी वाहनों को चलाने की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी जब तक वे अंग्रेज़ी परीक्षा पास नहीं कर लेते।

क्यों सख्त की गई परीक्षा?
यह कदम तब उठाया गया जब पिछले कुछ महीनों में भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवरों से जुड़े कई सड़क हादसे सामने आए। इन हादसों में कई लोगों की जान गई, जिससे अमेरिकी हाईवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठे। अधिकारियों ने पाया कि कई ड्राइवर अंग्रेज़ी निर्देशों को समझ नहीं पा रहे थे, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ रहा था।
ट्रकिंग एसोसिएशन ने जताई नाराजगी
अमेरिकी ट्रकिंग एसोसिएशनों ने संघीय सरकार से आग्रह किया है कि भाषा परीक्षा को निष्पक्ष और यथार्थवादी मानकों पर आधारित बनाया जाए। उनका कहना है कि कई अनुभवी ड्राइवर केवल अंग्रेज़ी लिखने या समझने की सीमित क्षमता के कारण बेरोजगार हो रहे हैं, जबकि उनका ड्राइविंग रिकॉर्ड बेदाग है। एक पंजाबी ट्रकिंग यूनियन प्रतिनिधि ने कहा कि “हम अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, हमें सज़ा नहीं बल्कि सहयोग चाहिए।”

ट्रंप की सख्ती से राजनीतिक हलचल
ट्रंप के बयान के बाद डेमोक्रेटिक नेताओं और मानवाधिकार समूहों ने उनकी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह नीति प्रवासी समुदायों को निशाना बना रही है, खासकर भारतीय और दक्षिण एशियाई ड्राइवरों को।हालांकि ट्रंप समर्थक इसे सड़क सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम बता रहे हैं।