Edited By Rohini Oberoi,Updated: 05 Oct, 2025 10:51 AM

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान को लेकर एक बड़ा और राहत भरा बदलाव किया है। अब यदि वाहन चालक बिना FASTag के टोल प्लाजा पर पहुंचते हैं तो उन्हें पहले की तरह दोगुना (200%) शुल्क नहीं देना होगा। 15 नवंबर से लागू होने वाले इस नए नियम...
नेशनल डेस्क। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल भुगतान को लेकर एक बड़ा और राहत भरा बदलाव किया है। अब यदि वाहन चालक बिना FASTag के टोल प्लाजा पर पहुंचते हैं तो उन्हें पहले की तरह दोगुना (200%) शुल्क नहीं देना होगा। 15 नवंबर से लागू होने वाले इस नए नियम के तहत यदि आप यूपीआई (UPI) के माध्यम से भुगतान करते हैं तो आपको निर्धारित टोल शुल्क का केवल 1.25 गुना ही देना होगा।
क्यों बदला गया यह नियम?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने यह कदम टोल वसूली में नकद लीक (Cash Leakage) को रोकने के लिए उठाया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि टोल कलेक्शन में हर साल करीब ₹10,000 करोड़ का राजस्व नकद लीक से प्रभावित होता है।
मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार यदि किसी वाहन पर FASTag नहीं है या वह इनएक्टिव है और चालक टोल शुल्क यूपीआई (UPI) के जरिए अदा करता है तो उससे निर्धारित शुल्क का केवल 1.25 गुना ही लिया जाएगा। यदि टोल शुल्क ₹100 है तो FASTag न होने पर UPI से भुगतान करने पर अब केवल ₹125 देने होंगे। पहले नकद भुगतान करने पर ₹200 तक देना पड़ता था।
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FASTag की सफलता और भविष्य की योजना
यह नियम ऐसे समय में आया है जब देश में FASTag को व्यापक रूप से अपनाया जा चुका है। देशभर में 98 प्रतिशत तक FASTag को अपनाया जा चुका है। सरकार के अनुसार इससे टोल प्लाजा पर वाहनों का एवरेज वेटिंग टाइम घटकर 47 सेकंड रह गया है।
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FASTag क्या है?
आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित है। यह वाहनों को बिना रुके टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति देता है। भारत में इसकी शुरुआत नवंबर 2014 में हुई थी। मंत्रालय ने जून 2024 में सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली लागू करने की दिशा में भी कदम उठाए थे हालांकि देश के नेविगेशन सैटेलाइट नेटवर्क के पूरी तरह सक्रिय होने तक इसे स्थगित रखा गया है।