फॉल्कन 9: क्यों है ये दुनिया का सबसे पावरफुल रॉकेट, जिससे शुभांशु शुक्ला गए ISS

Edited By Updated: 25 Jun, 2025 12:57 PM

falcon 9 why is it the world s most powerful rocket

भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जिस रॉकेट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए उसका नाम है फॉल्कन 9 है। यह सिर्फ एक रॉकेट नहीं, बल्कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे दुनिया के सबसे ताकतवर और भरोसेमंद...

नेशनल डेस्क: भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जिस रॉकेट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए उसका नाम है फॉल्कन 9 है। यह सिर्फ एक रॉकेट नहीं, बल्कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसे दुनिया के सबसे ताकतवर और भरोसेमंद रॉकेट्स में गिना जाता है।

क्यों है फॉल्कन 9 दुनिया का सबसे पावरफुल रॉकेट?

फॉल्कन 9 रॉकेट को अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी SpaceX ने तैयार किया है, जिसके दूरदर्शी संस्थापक एलन मस्क हैं। इसे खासकर इंसान को अंतरिक्ष में भेजने, सैटेलाइट्स लॉन्च करने और ISS तक सामान पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी ताकत और भरोसेमंद क्षमता इसे खास बनाती है।

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फॉल्कन 9 की खास बातें:

फॉल्कन 9 की सबसे बड़ी खूबी इसका Reusable फर्स्ट स्टेज बूस्टर है। इसका मतलब है कि रॉकेट का पहला हिस्सा जो उसे अंतरिक्ष में ले जाने में मदद करता है, उसे लॉन्च के बाद वापस पृथ्वी पर उतारा जा सकता है और दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यह खूबी अंतरिक्ष यात्रा के खर्च को बहुत कम कर देती है।

  • कम खर्च: जहां एक बार इस्तेमाल होने वाले रॉकेट की लागत करीब 100 मिलियन डॉलर होती है, वहीं फॉल्कन 9 का फर्स्ट स्टेज बूस्टर करीब 30 मिलियन डॉलर में तैयार होता है। बार-बार इस्तेमाल होने से यह लागत बहुत कम हो जाती है, जिससे अंतरिक्ष मिशन ज़्यादा किफ़ायती बनते हैं।

  • शक्तिशाली इंजन: इस रॉकेट में 9 Merlin इंजन लगे होते हैं, जो RP-1 (रॉकेट ग्रेड केरोसीन) और लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल करते हैं। इनकी थ्रस्ट (धक्का देने की ताकत) इतनी ज़्यादा होती है कि यह 22,800 किलोग्राम तक के वजन को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में आसानी से पहुंचा सकता है।

  • मानव मिशन के लिए प्रमाणित: फॉल्कन 9 को NASA ने मानव मिशनों के लिए प्रमाणित किया है, जो इसकी सुरक्षा और विश्वसनीयता का प्रमाण है।

  • उच्च सफलता दर: 2015 में बनकर तैयार होने के बाद से अब तक फॉल्कन 9 को 100 से ज़्यादा बार लॉन्च किया जा चुका है। इसकी सफलता दर 98% से अधिक है, जो इसे दुनिया के सबसे भरोसेमंद रॉकेट्स में से एक बनाती है।

  • क्रू ड्रैगन कैप्सूल: अंतरिक्ष यात्री Crew Dragon नामक कैप्सूल में बैठकर अंतरिक्ष में जाते हैं, जिसे फॉल्कन 9 रॉकेट द्वारा ही लॉन्च किया जाता है।

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शुभांशु शुक्ला के लिए क्यों महत्वपूर्ण है फॉल्कन 9?

शुभांशु शुक्ला की फॉल्कन 9 के ज़रिए यात्रा का मतलब है कि उन्हें अत्याधुनिक सुरक्षा, बेहतरीन सुविधाएं और सबसे नई टेक्नोलॉजी से लैस मिशन मिलेगा। यह भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

फॉल्कन 9, स्पेसएक्स का शक्तिशाली और पुन: प्रयोज्य रॉकेट है। इसमें 9 मर्लिन इंजन हैं जो 22,800 किलोग्राम तक वजन LEO में ले जा सकते हैं। इसका पुन: प्रयोज्य फर्स्ट स्टेज बूस्टर खर्च कम करता है। 98% से अधिक सफलता दर और NASA द्वारा प्रमाणित होने के कारण यह विश्वसनीय है। शुभांशु शुक्ला के लिए यह अत्याधुनिक और सुरक्षित मिशन होगा।

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