Salary increments: 2026 में 9 प्रतिशत तक बढ़कर आएगी सैलरी, इस सर्वे में हुआ खुलासा

Edited By Updated: 25 Dec, 2025 10:57 PM

salaries will increase by up to 9 percent in 2026 according to this survey

भारत में कामकाजी लोगों के लिए राहत भरी खबर है। साल 2026 में भी कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 9 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। यह इंक्रीमेंट 2025 के स्तर के आसपास ही रहने की उम्मीद है। यह खुलासा मर्सर के टोटल रिम्यूनरेशन सर्वे में हुआ है,...

नेशनल डेस्क: भारत में कामकाजी लोगों के लिए राहत भरी खबर है। साल 2026 में भी कंपनियां कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 9 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। यह इंक्रीमेंट 2025 के स्तर के आसपास ही रहने की उम्मीद है। यह खुलासा मर्सर के टोटल रिम्यूनरेशन सर्वे में हुआ है, जिसमें देश की 1,500 से ज्यादा कंपनियों को शामिल किया गया।

किन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा फायदा?

सर्वे के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग के साथ-साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर में कर्मचारियों को सबसे ज्यादा सैलरी हाइक मिल सकती है। इन सेक्टर्स में 2026 के दौरान औसतन 9.5 प्रतिशत तक इंक्रीमेंट का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) में भी करीब 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी संभव बताई गई है।

क्यों थमी नहीं, लेकिन तेज भी नहीं हुई बढ़ोतरी?

मर्सर इंडिया की रिवार्ड्स कंसल्टिंग लीडर मालती केएस के अनुसार, भारत में सैलरी बढ़ोतरी का मौजूदा स्तर एक संतुलित आर्थिक माहौल की ओर इशारा करता है। अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है, लेकिन कंपनियां खर्च को लेकर सतर्क हैं। इसके साथ ही टैलेंट मार्केट में भी ठहराव है और नौकरी छोड़ने की दर अब नियंत्रण में नजर आ रही है।

रिवार्ड स्ट्रक्चर में बदलाव

सर्वे में यह भी सामने आया है कि कंपनियां अब अपने रिवार्ड और इंसेंटिव सिस्टम में बदलाव कर रही हैं। लॉन्ग-टर्म बेनिफिट्स की बजाय अब शॉर्ट-टर्म इंसेंटिव पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, ताकि बेहतर प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को तुरंत प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें संगठन से जोड़े रखा जा सके।

भर्ती को लेकर क्यों बरत रही हैं कंपनियां सावधानी?

2026 को लेकर कंपनियां हायरिंग के मामले में भी सतर्क दिख रही हैं। जहां 2024 में 43 प्रतिशत कंपनियां नए कर्मचारी जोड़ने की योजना बना रही थीं, वहीं 2026 में यह आंकड़ा घटकर 32 प्रतिशत रहने का अनुमान है। करीब 31 प्रतिशत कंपनियां अभी भी अपनी भर्ती रणनीति को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं कर पाई हैं, जो भविष्य को लेकर अनिश्चितता को दर्शाता है।

नौकरी छोड़ने की दर में राहत

कर्मचारियों के लिए एक और अच्छी खबर यह है कि नौकरी छोड़ने की दर लगातार घट रही है। स्वैच्छिक एट्रिशन 2023 में 13.1 प्रतिशत थी, जो 2025 की पहली छमाही में घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई है। वहीं, जबरन छंटनी की दर भी घटकर 1.6 प्रतिशत पर आ गई है।

कुल मिलाकर, 2026 में सैलरी बढ़ोतरी स्थिर लेकिन संतुलित रहने की उम्मीद है। कंपनियां खर्च पर नियंत्रण रखते हुए अच्छे टैलेंट को बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही हैं, जिससे कर्मचारियों के लिए एक ज्यादा स्थिर और भरोसेमंद कार्य माहौल बनता दिख रहा है।

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