Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Apr, 2018 01:37 PM
ऐतिहासिक लालकिला को निजी कंपनी को सौंपे जाने के विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बीच पर्यटन मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि डालमिया भारत लिमिटेड के साथ हुआ समझौता इसके चारों ओर पर्यटक क्षेत्रों के विकास एवं रखरखाव भर के लिए है। डालमिया भारत समूह एमओयू के...
नई दिल्लीः ऐतिहासिक लालकिला को निजी कंपनी को सौंपे जाने के विपक्षी दलों की आलोचनाओं के बीच पर्यटन मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि डालमिया भारत लिमिटेड के साथ हुआ समझौता इसके चारों ओर पर्यटक क्षेत्रों के विकास एवं रखरखाव भर के लिए है। डालमिया भारत समूह एमओयू के तहत स्मारक की देखरेख करेगा और इसके इर्दगिर्द आधारभूत ढांचा तैयार करेगा। इसमें 25 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
कांग्रेस, माकपा तथा टीएमसी जैसी पार्टियों ने सरकार पर देश की स्वतंत्रता के प्रतीकों को स्थायी तौर पर कॉरपोरेट घराने को सौंपने का आरोप लगाया है। इसबीच, मंत्रालय ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि सहमति पत्र (एमओयू) लाल किला और इसके आस पास के पर्यटक क्षेत्र के रख-रखाव और विकास भर के लिए है। बयान में कहा गया है कि एमओयू के जरिए ‘गैर महत्वपूर्ण क्षेत्र’ में सीमित पहुंच दी गई है और इसमें स्मारक को सौंपा जाना शामिल नहीं है।
लालकिले से मुनाफा कमाने की अनुमति नहीं
पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि लालकिले समेत कई ऐतिहासिक भवनों को संरक्षण और पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने के लिए निजी कंपनियों के साथ करार किया गया है। इन कंपनियों को मुनाफा अर्जित करने की अनुमति नहीं दी गई है। इमारतों में होने वाली गतिविधियों से अर्जित धन का इस्तेमाल इन्हीं इमारमों के संरक्षण पर व्यय किया जाएगा। सरकार ने ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण के लिए ‘एडोप्ट ए हेरिटेज-अपनी धरोहर अपनी पहचान’ योजना के तहत पिछले सप्ताह डालमिया भारत समूह के साथ लालकिला के संरक्षण और कुछ सेवाओं के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत पांच साल तक डालमिया समूह को पांच करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की दर 25 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
करार के तहत डालमिया समूह लालकिले में सौंदर्यीकरण, रख रखाव, पर्यटक सुविधाओं का विकास, जन सुविधाएं, साफ सफाई, रोशनी तथा निगरानी व्यवस्था विकसित करेगा। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। शर्मा ने स्पष्ट करते हुए कहा कि लालकिले में मुनाफा कमाने की कोई गतिविधि नहीं होगी। पिछले वर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति ने इस योजना की शुरूआत की थी।