स्वास्थ्य बीमा पर जी.एस.टी. से मिल सकती है राहत, 18 से 5 फीसदी हो सकती है टैक्स दर

Edited By Mahima,Updated: 07 Sep, 2024 10:54 AM

gst on health insurance may provide relief

वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर की दरो को घटाने पर फैसला लिया जा सकता है। परिषद द्वारा नामित केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति ने इस मामले का विस्तृत विश्लेषण...

नेशनल डेस्क: वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) परिषद की सोमवार को होने वाली बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर कर की दरो को घटाने पर फैसला लिया जा सकता है। परिषद द्वारा नामित केंद्र और राज्यों के राजस्व अधिकारियों वाली फिटमेंट समिति ने इस मामले का विस्तृत विश्लेषण किया है। मामले से जुड़े अधिकारियों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिटमेंट समिति इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंप सकती है।

इसमें सभी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और पुनर्बीमाकर्ताओं के लिए जी.एस.टी. से पूरी छूट देने और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर मौजूदा 18 फीसदी की जी.एस.टी. दर को घटाकर 5 फीसदी करने सहित चार विकल्प सुझाए जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय सेवाओं के विभाग द्वारा इस पर कर की दरें घटाने के अनुरोध के बाद यह कदम उठाया गया है। विभाग स्वास्थ्य बीमा पर कर की दर घटाकर इसे सुलभ और किफायती बनाना चाहता है। इससे सरकारी खजाने पर 6.5 अरब रुपये से 35 अरब रुपये तक की चपत लग सकती है।

सरकारी खजाने पर कितना बोझ
चार विकल्पों में से अन्य दो विकल्पों में वरिष्ठ नागरिकों के प्रीमियम और 5 लाख रुपये तक के बीमा कवर वाले प्रीमियम पर जी.एस.टी. से छूट देना या केवल उन प्रीमियम पर छूट देना शामिल हैं जिनका भुगतान वरिष्ठ नागरिकों द्वारा पहले ही किया जा चुका है। इन चारों विकल्पों से सरकारी खजाने पर क्रमश: 3,495 करोड़ रुपये, 1,730 करोड़ रुपये, 2,110 करोड़ रुपये और 645 करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है। समझा जाता है कि समिति ने इस मामले पर निर्णय लेने का काम परिषद पर छोड़ा है।

जीवन बीमा प्रीमियम पर जी.एस.टी. से छूट के मामले में समिति ने केवल विशुद्ध टर्म व्यक्तिगत जीवन पॉलिसियों और पुनर्बीमाकर्ताओं को छूट देने की सिफारिश की है। इससे सरकार को राजस्व का 213 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हालांकि समिति ने यह सुझाव भी दिया है जीवन बीमा में कर पर मिलने वाली किसी भी तरह की छूट का लाभ बीमा कंपनियों द्वारा पॉलिसीधारकों को देना चाहिए।

स्वास्थ्य बीमा का कुल प्रीमियम करीब 90,032 करोड़
वित्तीय सेवाओं के विभाग के वित्त वर्ष 2022-23 के आंकड़ों का हवाला देते हुए समिति ने कहा कि भारत में स्वास्थ्य बीमा का कुल प्रीमियम करीब 90,032 करोड़ रुपये है। इनमें से व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा खंड की हिस्सेदारी 35,300 करोड़ रुपये (स्वास्थ्य बीमा के कुल प्रीमियम का 39.21 फीसदी) है। 18 फीसदी की मौजूदा दर से व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से कुल 6,354 करोड़ रुपये की जी.एस.टी. वसूली गई थी।

जी.एस.टी. घटाने की मांग करते हुए वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने कहा कि कर की दर को घटाने से प्रीमियम की लागत कम होगी जिससे लोग स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे और देश में स्वास्थ्य बीमा की पहुंच बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। विभाग का मानना है कि इस कदम से बीमा कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी जिससे जीएसटी राजस्व में शुरुआती कमी की भरपाई हो जाएगी। यह कदम प्रत्येक नागरिक को न्यूनतम सामाजिक कवरेज प्रदान करने के केंद्र सरकार के प्रयास के अनुरूप है और 2047 तक ‘सभी के लिए बीमा’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!