Edited By Radhika,Updated: 31 Dec, 2025 04:31 PM

साल 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी सैन्य कार्यवाही हुई। हालांकि इस कार्यवाही का नतीजा यह हुआ कि दोनों देशों के बीच सीजफायर हुई। इसके बाद यह सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या इस युद्ध का पीएम नरेंद्र मोदी की छवि पर कोई असर पड़ा? इस संबंध में...
नेशनल डेस्क: साल 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ी सैन्य कार्यवाही हुई। हालांकि इस कार्यवाही का नतीजा यह हुआ कि दोनों देशों के बीच सीजफायर हुई। इसके बाद यह सवाल बार-बार उठ रहा था कि क्या इस युद्ध का पीएम नरेंद्र मोदी की छवि पर कोई असर पड़ा? इस संबंध में विशेषज्ञों का मानना है कि इस ऑपरेशन ने मोदी की निर्णायक और सख्त नेतृत्व वाली छवि को और मजबूत किया है। हालांकि विपक्ष इसे राजनीतिक लाभ से जोड़कर देख रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सख्त रणनीति का संदेश भी गया है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
1. राष्ट्रीय सुरक्षा पर मजबूत संदेश
रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने यह साफ कर दिया कि भारत अब किसी भी खतरे का जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा। इससे मोदी की ‘नो टॉलरेंस ऑन टेरर’ वाली छवि और पुख्ता हुई है।
2. नेतृत्व में निर्णायकता दिखी
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इस ऑपरेशन के बाद मोदी एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं जो कठिन फैसले लेने से नहीं डरते। इससे उनके कोर वोटबैंक में भरोसा और मजबूत हुआ है।
3. विपक्ष का नजरिया अलग
विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार ऐसे अभियानों का इस्तेमाल राजनीतिक संदेश देने के लिए कर रही है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे ध्रुवीकरण भी बढ़ सकता है।
4. अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर
विदेश नीति विशेषज्ञों के मुताबिक भारत ने खुद को एक “स्ट्रॉन्ग रीजनल पावर” के तौर पर पेश किया है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि कूटनीतिक संतुलन बना रहे।

निष्कर्ष
कुल मिलाकर, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पीएम मोदी की छवि एक कठोर, निर्णायक और सुरक्षा-केंद्रित नेता के रूप में और मजबूत हुई है। हालांकि इसके दीर्घकालिक राजनीतिक असर इस बात पर निर्भर करेंगे कि सरकार आगे किस तरह संतुलन बनाकर चलती है।