Edited By Rohini Oberoi,Updated: 12 Sep, 2025 03:33 PM

देश में पहले से ही बाढ़ और बारिश की आपदा से जूझ रहे कई राज्यों के लिए अब एक नई चिंता सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक एडवाइजरी जारी कर आने वाले महीनों में सतर्क रहने को कहा है। इस अलर्ट के बाद यह सवाल...
नेशनल डेस्क। देश में पहले से ही बाढ़ और बारिश की आपदा से जूझ रहे कई राज्यों के लिए अब एक नई चिंता सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक एडवाइजरी जारी कर आने वाले महीनों में सतर्क रहने को कहा है। इस अलर्ट के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या देश पर कोई नया स्वास्थ्य संकट मंडरा रहा है।
डेंगू-मलेरिया को लेकर सरकार चिंतित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 11 सितंबर को देश में डेंगू और मलेरिया के मामलों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। इस बैठक के बाद ही यह आदेश जारी किया गया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों से इन बीमारियों के प्रति बचाव के तरीके अपनाने और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी है।
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मुख्यमंत्रियों को किया गया अलर्ट
एडवाइजरी में मुख्यमंत्रियों से स्थिति का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने और अगले 20 दिनों में एक एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। इसके साथ ही स्थानीय निकायों, नगर निगमों और नगर पंचायतों को भी आम लोगों में जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों को पर्याप्त दवाएं, जांच की सुविधाएं, बेड और मच्छर रहित वातावरण सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं। दिल्ली-एनसीआर में स्थिति को देखते हुए एक विशेष बैठक भी की गई है ताकि इन बीमारियों के कहर को समय रहते रोका जा सके।

भारत ने मलेरिया पर पाई बड़ी जीत
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने मलेरिया को नियंत्रित करने में काफी तरक्की की है। साल 2015 से 2024 के बीच देश में मलेरिया के मामलों में 78% की कमी आई है। इसी दौरान मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या में भी इतनी ही गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट बताती है कि 2022 से 2024 के बीच 160 जिलों में एक भी मलेरिया का मरीज नहीं मिला। भारत ने साल 2030 तक देश को मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।