Edited By Anu Malhotra,Updated: 02 Jun, 2025 10:01 AM

तमिल सिनेमा के जाने-माने फिल्ममेकर विक्रम सुगुमारन के अचानक निधन की खबर ने इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया है। सादगीभरी कहानियों और ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले विक्रम सुगुमारन अब हमारे बीच नहीं रहे। रिपोर्ट्स के...
नेशनल डेस्क: तमिल सिनेमा के जाने-माने फिल्ममेकर विक्रम सुगुमारन के अचानक निधन की खबर ने इंडस्ट्री को सदमे में डाल दिया है। सादगीभरी कहानियों और ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले विक्रम सुगुमारन अब हमारे बीच नहीं रहे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह मदुरै से चेन्नई की यात्रा कर रहे थे जब बस में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली।
तमिल सिनेमा को मिली गहरी क्षति
फिल्म इंडस्ट्री में एक संवेदनशील और समाज से जुड़ी कहानियां कहने वाले निर्देशक के तौर पर विक्रम सुगुमारन की एक अलग पहचान थी। उनके अचानक चले जाने से न केवल उनके प्रशंसक बल्कि इंडस्ट्री के साथी कलाकार भी स्तब्ध हैं।
सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। अभिनेता शांथनु भगनराज ने उनकी याद में लिखा – "आपसे बहुत कुछ सीखा, आपके साथ बिताया हर लम्हा यादगार रहेगा। बहुत जल्दी छोड़कर चले गए।" वहीं अभिनेता कायल देवराज ने भी पोस्ट किया – "इस खबर पर विश्वास करना मुश्किल है। बस में यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। बहुत दुखद दिन।"
कौन थे विक्रम सुगुमारन?
विक्रम सुगुमारन तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के परामक्कुडी से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत दिग्गज निर्देशक बालू महेंद्र के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने ‘जूली गणपति’ और कई शॉर्ट फिल्मों में काम किया। अभिनेता के रूप में उनकी झलक वेत्रिमारन की फिल्म ‘पोल्लाधवन’ और शशिकुमार की फिल्म ‘कोडिवीरन’ में देखने को मिली।
डायरेक्टर के रूप में उनकी फिल्में:
-
मधा यानई कूट्टम (2013) – ग्रामीण समाज की सच्ची झलक दिखाने वाली चर्चित फिल्म
-
रावण कोट्टम (2023) – सामाजिक मुद्दों को उठाने की कोशिश, हालांकि बॉक्स ऑफिस पर असफल
-
थेरुम बोरुम – पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन पर आधारित उनकी अंतिम फिल्म