Edited By Shubham Anand,Updated: 27 Jul, 2025 08:45 PM

हेपेटाइटिस एक गंभीर लिवर संबंधी बीमारी है, जो संक्रमण, शराब सेवन और अन्य कारणों से लिवर में सूजन पैदा करती है। लिवर शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में अहम भूमिका...
नेशनल डेस्क: हेपेटाइटिस एक गंभीर लिवर संबंधी बीमारी है, जो संक्रमण, शराब सेवन और अन्य कारणों से लिवर में सूजन पैदा करती है। लिवर शरीर का एक बेहद जरूरी अंग है, जो पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। जब लिवर में सूजन होती है, तो यह सभी कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे शरीर पर गहरा असर पड़ता है।
हेपेटाइटिस के प्रकार और संक्रमण के कारण
हेपेटाइटिस मुख्य रूप से पांच प्रकार का होता है – हेपेटाइटिस A, B, C, D और E। इनमें से A और E संक्रमित पानी और भोजन से फैलते हैं, जबकि B, C और D संक्रमित खून, सुई या असुरक्षित यौन संबंध के जरिए फैलते हैं। यह बीमारी कभी-कभी अपने आप ठीक हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह क्रॉनिक यानी लंबे समय तक बनी रहती है और लिवर को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती है।
संक्रमण के लक्षण और खतरे
शुरुआती लक्षणों में थकान, भूख न लगना, हल्का बुखार, मतली और पेट में दर्द शामिल होते हैं। बीमारी बढ़ने पर त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (पीलिया), गहरे रंग का पेशाब और बार-बार उल्टी जैसी गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं। अगर समय रहते इलाज न मिले तो यह स्थिति फाइब्रोसिस, सिरॉसिस या लिवर फेल्योर में बदल सकती है। लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ. एलएच घोटकर के अनुसार, "हेपेटाइटिस लिवर सेल्स को नष्ट करता है और उसकी कामकाज की क्षमता को प्रभावित करता है। लंबे समय तक लिवर में सूजन रहने से स्कार टिशू यानी फाइब्रोसिस बनता है, जो आगे चलकर सिरॉसिस और लिवर कैंसर का कारण बन सकता है।"
लिवर पर असर और अन्य अंगों की सेहत पर प्रभाव
लिवर न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है, बल्कि प्रोटीन सिंथेसिस, हॉर्मोन बैलेंस और ऊर्जा निर्माण में भी भूमिका निभाता है। हेपेटाइटिस की गंभीर स्थिति में ये सभी कार्य बाधित हो जाते हैं, जिससे शरीर की संपूर्ण प्रणाली प्रभावित होती है। क्रॉनिक हेपेटाइटिस B और C के मामलों में लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव?
साफ और उबला हुआ पानी पिएं
संक्रमित सुई, ब्लेड या अन्य उपकरणों से बचें
हेपेटाइटिस B का टीकाकरण अवश्य कराएं
असुरक्षित यौन संबंधों से परहेज करें
शराब और नुकसानदायक दवाओं से दूरी बनाए रखें
स्वस्थ भोजन और स्वच्छता का पालन करें
नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें