'हर मंदिर में हो गोशाला', राज्यपाल का सुझाव, कहा- सनातन धर्म की शिक्षा के लिए मंदिरों में हो पाठशाला

Edited By Updated: 07 Jul, 2025 06:00 AM

here should be schools in temples for education of sanatan dharma

केरल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राज्य के प्रत्येक मंदिर में गौशाला, सनातन धर्म की शिक्षा देने वाला संस्थान और एक चिकित्सालय स्थापित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह कार्य देवस्वोम बोर्ड के माध्यम से किया...

नेशनल डेस्कः  केरल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राज्य के प्रत्येक मंदिर में गौशाला, सनातन धर्म की शिक्षा देने वाला संस्थान और एक चिकित्सालय स्थापित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि यह कार्य देवस्वोम बोर्ड के माध्यम से किया जा सकता है। राज्यपाल शनिवार शाम तालीपरंबा स्थित श्री राजराजेश्वर मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों में चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

आर्लेकर ने कहा, “हमारे सभी मंदिरों में एक गौशाला अवश्य होनी चाहिए, जहां सड़कों पर घूम रही गायों को लाया जा सके। यह हमारा प्राथमिक कर्तव्य है। इसके लिए दान देने को कई लोग तैयार होंगे।” राज्यपाल ने कहा, “हमें एक शैक्षणिक संस्थान भी अवश्य बनाना चाहिए। यह अनिवार्य है। अन्यथा आने वाली पीढ़ियों को सनातन धर्म का ज्ञान कौन देगा?”

उन्होंने कहा कि ‘मानव सेवा ही माधव सेवा है', इसलिए मंदिरों में चिकित्सालय की सुविधा भी अनिवार्य है। आर्लेकर ने कहा कि ये तीनों कार्य देवस्वोम बोर्ड द्वारा किए जा सकते हैं। राज्यपाल ने कहा, ‘‘लोग मंदिर के लिए कुछ भी दान देने को तैयार रहते हैं, बस हमें उनसे संवाद करना होता है।'' उन्होंने कहा, “आज की आवश्यकता यही है कि जो कुछ भी भगवान और मंदिर को अर्पित होता है, उसे गौशाला, शिक्षा संस्थान और चिकित्सा सुविधा के रूप में समाज को लौटाया जाए। यह सब हमें ही करना है।” 

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