Edited By Harman Kaur,Updated: 04 Jul, 2025 04:19 PM

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने मराठी में बात न करने पर एक 'हिंदू व्यक्ति' की मनसे समर्थकों द्वारा कथित तौर पर पिटाई करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। नितेश राणे ने साथ ही सवाल किया कि क्या 'टोपी पहनने...
नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने मराठी में बात न करने पर एक 'हिंदू व्यक्ति' की मनसे समर्थकों द्वारा कथित तौर पर पिटाई करने को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। नितेश राणे ने साथ ही सवाल किया कि क्या 'टोपी पहनने वाले' लोग अच्छी तरह से मराठी बोलते हैं।
राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा मुंबई के बाहरी इलाके भयंदर में मराठी में बात करने से कथित तौर पर इनकार करने वाले एक दुकानदार की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। भाजपा नेता राणे ने शुक्रवार को विधानमंडल परिसर में कहा, ‘‘एक हिन्दू व्यक्ति को पीटा गया...गरीब हिन्दुओं पर क्यों हमला किया जा रहा है? हिम्मत है तो नल बाजार या मोहम्मद अली रोड पर जाकर अपनी ताकत दिखाओ।'' नल बाजार या मोहम्मद अली रोड दक्षिण मुंबई में मुख्यतः मुस्लिम बहुल इलाका है।
मंत्री राणे ने कहा, ‘‘क्या मोहम्मद अली रोड (इलाका) में दाढ़ी और टोपी वाले लोग शुद्ध मराठी बोलते हैं। क्या जावेद अख्तर या आमिर खान मराठी बोलते हैं। आपके पास उन्हें मराठी बोलने के लिए कहने का साहस नहीं है, लेकिन आप गरीब हिन्दुओं पर हमला कर रहे हैं।'' राणे ने दावा किया कि हिंदी को लेकर विवाद हिन्दुओं को बांटने का एक प्रयास है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ यह देश को इस्लामिक राज्य बनाने की साजिश है। लव जिहाद, लैंड जिहाद और अन्य हथकंडों के जरिए मुंबई में हिन्दुओं की संख्या कम करने की कोशिश की जा रही है। यह हिंसा उसी रणनीति का हिस्सा है। आप मालवणी जाकर लोगों पर हमला क्यों नहीं करते? क्या वे शुद्ध मराठी में बात करते हैं?''
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार हिन्दुओं द्वारा चुनी गई है और इसकी जड़ें हिंदुत्व विचारधारा में हैं। राणे ने कहा, ‘‘अगर कोई इस तरह से काम करने का दुस्साहस करेगा तो हमारी सरकार भी जवाब देगी।'' वहीं, राणे के कैबिनेट सहयोगी एवं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता प्रताप सरनाइक ने भी मनसे पर निशाना साधते हुए कहा कि मराठी पर उसका एकाधिकार नहीं है। प्रताप सरनाइक ने कहा, ‘‘क्या मराठी भाषा के लिए लड़ने का अधिकार केवल मनसे को है? अगर कोई कानून को अपने हाथ में लेकर राजनीतिक या आर्थिक लाभ के लिए मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बना रहा है, तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।''
महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के फैसले को लेकर विवाद हो गया था। इस आदेश के कारण छात्रों पर हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों समेत कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद अंततः इसे वापस ले लिया गया।