Edited By Shubham Anand,Updated: 11 Nov, 2025 03:06 PM

दिल्ली में हुए धमाके के मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। अब एनआईए इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी और धमाके की साजिश, कारण और शामिल लोगों की भूमिका...
नेशनल डेस्क : लाल किले के पास हुए भीषण धमाके की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च-स्तरीय समीक्षा के बाद यह फैसला लिया, जो घटना की गंभीरता और इसके संदिग्ध आतंकी लिंक की ओर इशारा करता है। सोमवार शाम करीब 6:55 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास एक हुंडई i20 कार में हुए विस्फोट में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। राजधानी दिल्ली के मध्य में हुए इस धमाके ने तत्काल ही एक आतंकी हमले की आशंका को जन्म दे दिया था।
कश्मीर-फरीदाबाद-दिल्ली केस में गिरफ्तारियां
इस चल रहे कश्मीर-फरीदाबाद-दिल्ली आतंकी मामले के संबंध में अधिकारियों ने तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है:
डॉ. अदील अहमद राथेर (काजीगुंड, जम्मू-कश्मीर)
डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (पुलवामा)
डॉ. शाहीन शाहिद
इसके अतिरिक्त, कश्मीर में दो अन्य व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है: पुलवामा के सांबोरा निवासी तारिक अहमद डार और उमर, जिसे आमिर के नाम से भी जाना जाता है। जांचकर्ताओं ने खुलासा किया है कि तारिक ने कथित तौर पर धमाके में इस्तेमाल की गई कार आमिर को सौंपी थी।
पुलवामा तक कार की कड़ी
जांचकर्ताओं ने हुंडई i20 कार का पता जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले के एक व्यक्ति से लगाया है, जो संभावित आतंकी कनेक्शन को उजागर करता है। CNN News18 के सूत्रों के अनुसार, यह कार मूल रूप से गुरुग्राम में HR26 नंबर के तहत पंजीकृत थी और इसके पहले मालिक मोहम्मद सलमान थे।
वाहन का स्वामित्व कथित तौर पर चार बार बदला गया था:
मोहम्मद सलमान → देवेंद्र
देवेंद्र → सोनू
सोनू → तारिक (सांभूरा गांव, पुलवामा)
दिल्ली पुलिस ने जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है, और तारिक व उसके सहयोगियों की पृष्ठभूमि की पुष्टि के लिए श्रीनगर एक विशेष टीम भेजी गई है। शुरुआती जांच में यह संकेत मिला है कि ये स्वामित्व हस्तांतरण फरीदाबाद-स्थित एक कार डीलर के माध्यम से अवैध रूप से किए गए हो सकते हैं।
IED का इस्तेमाल, CCTV फुटेज से रूट ट्रेस
प्रारंभिक जांच में संकेत मिला है कि कार में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगाया गया था, जो लाल किले के पास धीरे चलते समय फट गया।अधिकारियों ने 50 से अधिक CCTV कैमरों से फुटेज एकत्र की है, जिसमें कश्मीरी गेट, दरियागंज, सुनेहरी मस्जिद और लाल किला जैसे क्षेत्र शामिल हैं, ताकि वाहन के रूट को फिर से जोड़ा जा सके। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कार दोपहर से ही उत्तरी दिल्ली के आसपास घूमती हुई देखी गई थी, जिससे जांचकर्ताओं को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं।